चेन्नई, 31 जुलाई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को विमानन संबंधी मीडिया रिपोर्टिंग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश और परामर्श तैयार करने तथा उन्हें लागू करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
याचिका में कहा गया था कि इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आधिकारिक जांच पूरी होने तक समय से पहले या अटकलें लगाने वाला कोई भी बयान नहीं दिया जाए।
मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की प्रथम पीठ ने अधिवक्ता एम. प्रवीण द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
अपनी याचिका में प्रवीण ने कहा था कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि विमानन दुर्घटनाओं के बाद समाचार मीडिया, सोशल मीडिया मंच और डिजिटल माध्यमों पर अकसर असत्यापित सामग्री प्रकाशित की जाती है, जिसमें पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर पायलटों पर दोष मढ़ा जाता है।
इसमें कहा गया था कि यह प्रथा न केवल उनकी प्रतिष्ठा और करियर की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनकी व्यक्तिगत गरिमा और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक उदाहरण अहमदाबाद विमान दुर्घटना का है, जिसमें जांच लंबित रहने तक विमान के चालक दल को दोषी ठहराने की अटकलें लगाने वाली मीडिया रिपोर्ट व्यापक रूप से प्रसारित की गई।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना में 260 लोगों की जान चली गई थी।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.