ठाणे, 26 सितंबर (भाषा) मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा चलाई जा रही कार से हुई दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिवार को 22.37 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
एमएसीटी सदस्य आर वी मोहिते ने पाया कि कार का मालिक तेज और लापरवाही से वाहन चला रहा था जिस कारण यह दुर्घटना हुई।
न्यायाधिकरण ने बीमाकर्ता ‘फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ को पूरा मुआवजा देने और फिर यह राशि वाहन मालिक से वसूलने का निर्देश दिया।
यह आदेश 19 सितंबर को पारित किया गया था, जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई।
एक निजी कंपनी में सफाईकर्मी के तौर पर कार्यरत रमेश कमलाकर मोरे (52) 21 जून, 2021 को ग्राम विकास चौक के पास सड़क के बायीं ओर चल रहे थे, तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्हें गंभीर चोटें आयीं और अगले दिन उनकी मौत हो गई।
न्यायाधिकरण ने पाया कि हादसे के समय वाहन मालिक के पास वैध ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ नहीं था, जिससे बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन हुआ।
जांच में सीसीटीवी फुटेज से यह भी पता लगा कि आरोपी कार चालक पहले घटनास्थल से भाग गया लेकिन बाद में लौटकर मृतक को अस्पताल लेकर गया।
खारघर पुलिस ने चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) (लापरवाही से मौत) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 3(1)/181 (बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना) के तहत आरोपपत्र दायर किया था।
मृतक के परिवार ने 46.70 लाख रुपये का दावा किया था लेकिन न्यायाधिकरण ने आय और कानूनी दिशा-निर्देशों के आधार पर 22.37 लाख रुपये का मुआवजा तय किया।
यह राशि याचिका दायर करने की तारीख से लेकर जमा करने की तारीख तक नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा की जाएगी।
भाषा राखी अविनाश
अविनाश
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