लखनऊ: शुक्रवार देर रात हिंदूवादी नेता रणजीत की हत्या का आरोपी जीतेंद्र की पुलिस से मुठभेड़ हो गई जिसमें वह घायल हो गया है. भागने के दौरान जीतेंद्र के पैर में गोली लग गई जिसके बाद पुलिस ने घायल जीतेंद्र को इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया है. पुलिस ने मौके से पिस्तौल, कारतूस और बाइक बरामद की है.
बता दें कि जीतेंद्र की तलाश में पुलिस टीम जगह-जगह छापेमारी कर रही थी. शुक्रवार रात पुलिस को सूचना मिली कि जितेंद्र बाइक से रायबरेली भाग रहा है. वह चारबाग स्टेशन के पास है. इस पर पुलिस टीम ने पीछा शुरू किया. पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए शूटर जितेंद्र को घेरना शुरू किया. इस दौरान दोनों तरफ से क्राॅस फायरिंग भी हुई. यह इनकाउंटर रणजीत बच्चन की हत्या के खुलासे के ठीक एक दिन बाद हुआ है. पुलिस ने हिंदुवादी नेता की हत्या का खुलासा करते हुए बताया था कि किस तरह से उसकी दूसरी पत्नी ने ही हत्या का षडयंत्र रचा है. पुलिस अभी तक स्मृति श्रीवास्तव, दीपेंद्र और संजीत गौतम को गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि जीतेंद्र तभी से फरार चल रहा था.
पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने हत्या का खुलासा करते हुए बताया, ‘हिंदूवादी नेता रणजीत बच्चन की हत्या उनकी दूसरी पत्नी स्मृति ने अपने प्रेमी दीपेंद्र वर्मा के साथ मिलकर करवाई थी.’ पुलिस के मुताबिक दीपेंद्र और स्मृति शादी करना चाहते थे, जिसमें रणजीत बच्चन बाधा बन रहे थे. इसी वजह से उनका मर्डर हुआ.
लखनऊ के पुलिस कमिशनर ने मीडिया को बताया कि इस मामले में पुलिस ने स्मृति श्रीवास्तव, दीपेंद्र और संजीत गौतम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. संजीत वही शख्स है जिसने शूटर जीतेंद्र को रणजीत के घर के पास कार से छोड़ा था.जबकि शूटर जीतेंद्र को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश डाल रही थी.
लव ट्रायंगल
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पूछताछ में पता चला कि स्मृति और दीपेंद्र शादी करना चाहते थे लेकिन रणजीत स्मृति को ऐसा करने से रोक रहा था. इसी कारण दीपेंद्र ने स्मृति के साथ मिलकर रणजीत बच्चन को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. पुलिस ने काॅल डीटेल के जरिए जब तलाश शुरू की तो पूरा कनेक्शन साफ हुआ. पुलिस ने स्मृति को विकासनगर स्थित उसके घर से और दीपेंद्र को मुम्बई से गिरफ्तार किया है.
बिना तलाक के दूसरी शादी
रणजीत ने दो शादियां रचाई थीं. यूपी पुलिस के मुताबिक, रणजीत बच्चन की पहली शादी कालिंदी शर्मा से हुई थी. कालिंदी भी रणजीत के साथ समाजवादी साइकल यात्रा का हिस्सा रही हैं. साल 2014 में रणजीत की दोस्ती स्मृति से हो गई जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली.
रणजीत ने पहली पत्नी से तलाक लिए बिना ही दूसरी शादी कर ली थी. इस बात की जानकारी जबसे स्मृति को हुई तो दोनों के रिश्तों में खटास पैदा होने लगी. स्मृति ने पुलिस को ये भी बताया कि रणजीत अक्सर उससे ‘मारपीट’ किया करते थे. इस बीच उसकी दोस्ती दीपेंद्र से हो गई और दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन रणजीत लगातार अड़चन पैदा कर रहा था जिस कारण दोनों ने मिलकर रणजीत को मौत के घाट उतार दिया.
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लखनऊ पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, ’17 जनवरी को स्मृति और रणजीत की मैरिज एनवर्सरी पर दोनों लखनऊ के सिकंदरबाग चौराहे पर मिले थे. इस दौरान रणजीत स्मृति को लेकर एनवर्सरी सेलीब्रेट करने के लिए होटल चलने को कहा लेकिन स्मृति ने इंकार कर दिया जिसके बाद रणजीत ने उसे थप्पड़ मार दिया. ये बात जानकर देवेंद्र आग बबूला हो गया और रणजीत को जान से मारने का फैसला कर लिया.’
काॅल डिटेल्स से हुआ खुलासा
डिप्टी कमिश्नर (सेंट्रल लखनऊ) दिनेश सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि रणजीत की हत्या के बाद से ही पुलिस स्मृति पर नजर रख रही थी. सर्विलांस की मदद से भी स्मृति की कॉल डिटेल से एक संदिग्ध नम्बर चिह्नित किया गया था जो दीपेंद्र का था. पुलिस ने इसे खंगालने की कोशिश की तो हत्या के बाद सामने आई सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाले संदिग्धों से दीपेंद्र की शक्ल मिलती पाई. वहीं छानबीन के दौरान दीपेंद्र के मुम्बई में होने की खबर मिली. शुरुआत में स्मृति दीपेंद्र से अपने संबंधों को स्वीकारने से इंकार कर रही थी लेकिन बाद में उसने स्वीकारा.
डिप्टी कमिश्नर (सेंट्रल लखनऊ) के मुताबिक स्मृति का प्रेमी दीपेंद्र 29 जनवरी को ही अपने साथी जितेंद्र के साथ लखनऊ आकर एक होटल में रुका था. वह रणजीत बच्चन के घर की तीन-चार बार रेकी कर चुके थे. दो फरवरी की सुबह ड्राइवर संजीत के साथ दीपेंद्र व जितेंद्र भी निकले थे. दीपेंद्र हजरतगंज चौराहे के पास उतर गया. वहीं, जितेंद्र थोड़ी दूर जाकर खड़ा हो गया जहां से रणजीत बच्चन रोजाना मार्निॆग वाॅक के लिए गुजरता था. रणजीत रिश्तेदार आदित्य के साथ ओसीआर से निकल कर सीडीआरआई जा रहे थे उसी वक्त आरोपियों ने पीछा कर गोली मारकर हत्या की. हत्या को अंजाम देने के बाद ड्राइवर संजीत के साथ दीपेंद्र और जितेंद्र रायबरेली चले गए जहां से दीपेंद्र मुंबई भाग गया.
बिना रजिस्ट्रेशन के संगठन चला रहे थे बच्चन
रणजीत बच्चन 2017 में समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़े लेकिन इस बीच उन्होंने विश्व हिंदूमहासभा नाम का खुद का संगठन शुरू कर दिया. डीसीपी दिनेश सिंह ने बताया कि इस संगठन का कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया था. वह स्वयंभू अध्यक्ष बन गए थे और अलग-अलग जिलों में पदाधिकारी नियुक्त करते थे. वहीं जो सरकार आवास उन्हें सपा सरकार में मिला था वो इस सरकार में भी छीना नहीं गया. उन्होंने लखनऊ की ओसीआर बिल्डिंग स्थित घर में ही विश्व हिंदूमहासभा का कार्यालय खोल रखा था.