मुंबई, 11 नवंबर (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू किये जाने के महीनों बाद अब एक नोटिस जारी कर कहा कि सीधा प्रसारण पीठासीन न्यायाधीश की सहमति के अधीन होगा।
सोमवार को जारी नोटिस में बताया गया कि अदालत का न्यायाधीश सीधा प्रसारण की गई रिकॉर्डिंग की प्रतियों तक पहुंच को मंजूरी देने के लिए अधिकृत नामित अधिकारी होता है।
बम्बई उच्च न्यायालय के अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण और रिकॉर्डिंग नियमों के अनुसार, सभी कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण केवल ‘न्यायाधीशों की सहमति के अधीन’ ही किया जाएगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने सोशल मीडिया पर प्रसारित छेड़छाड़ किए गए एक वीडियो पर चिंता जताई थी, जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया।
छेड़छाड़ किये गये वीडियो में न्यायालय कक्ष में जूता फेंकने की घटना को गलत तरीके से दिखाया गया था।
इस साल जुलाई में न्यायिक पारदर्शिता और अदालती सुनवाई तक जनता की पहुंच बढ़ाने के लिए उच्च न्यायालय ने अपनी पांच पीठों का सीधा प्रसारण शुरू किया था।
जहां कुछ पीठों ने सीधा प्रसारण से परहेज किया वहीं कुछ एकल पीठों ने अपनी कार्यवाही की सीधा प्रसारण शुरू कर दिया।
उच्चतम न्यायालय, पिछले साल से अपनी सभी कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण कर रहा है।
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