scorecardresearch
Sunday, 6 October, 2024
होमदेशमप्र में शराबबंदी जल्दबाजी में नहीं बल्कि उचित अध्ययन के बाद लागू हो

मप्र में शराबबंदी जल्दबाजी में नहीं बल्कि उचित अध्ययन के बाद लागू हो

Text Size:

भोपाल, 25 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए लेकिन इसके लिए जल्दबाजी नहीं करते हुए पहले उचित अध्ययन किया जाना चाहिए।

प्रदेश की राजनीति में शराबबंदी का मुद्दा महत्वपूर्ण होता जा रहा है। एक ओर जहां प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी लागू करने की मांग कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने 2022-23 की नई आबकारी नीति में शराब से राजस्व में बढ़ोतरी के कई उपाय किए हैं।

उमा भारती द्वारा मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग करने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘ऐसा है कि शराबबंदी होनी चाहिए। पर उसके जहां (राज्यों में) प्रयोग हुए हैं, उसके अध्ययन की भी आवश्यकता है। हमारे प्रदेश में 23 प्रतिशत आबादी आदिवासी है और शराब, ताड़ी उनके संस्कारों से जुड़ी है। उनके यहां पूजा पाठ में भी इसका उपयोग होता है। तो हमें उसे प्रतिबंधित करने से पहले इसके बारे में गंभीर अध्ययन करने की आवश्यकता है। जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने से उसके परिणाम ठीक नहीं होंगे।’’

शराबबंदी के समर्थन में प्रतीकात्मक तौर पर एक शराब की दुकान में उमा भारती द्वारा हाल ही पत्थर फेंके जाने की घटना पर टिप्पणी करने से विजयवर्गीय ने इंकार कर दिया।

भाजपा नेता भोपाल में 28 मार्च से एक अप्रैल तक होने वाली ‘‘राष्ट्रीय पिट्ठू (सितोलिया) स्पर्धा के आयोजन की घोषणा के लिए आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। इस स्पर्धा में देशभर से 30 टीमें शामिल होंगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में पारंपरिक भारतीय खेलों को बढ़ावा देने की बात कही है क्योंकि इनके आयोजन के लिए अधिक साधन और संसाधन की जरुरत नहीं होती है और शारीरिक व्यायाम भी अच्छा होता है।

मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन (मुख्यमंत्री पद) और कुछ लोगों द्वारा इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम उछाले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस पर कोई निर्णय नहीं किया है, शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में अच्छा काम कर रहे है और अगला चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

पश्चिम बंगाल के प्रभारी भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि पूर्वी राज्य में कोई लोकतंत्र नहीं है, यहां तक कि बलात्कार जैसे गंभीर अपराध की प्राथमिकी भी पुलिस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद ही दर्ज करती है।

भाषा दिमो अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments