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Saturday, 2 November, 2024
होमदेशराहुल गांधी को ‘दीक्षे’ देने वाले लिंगायत विद्यापीठ प्रमुख पर दो नाबालिगों के यौन शोषण का आरोप

राहुल गांधी को ‘दीक्षे’ देने वाले लिंगायत विद्यापीठ प्रमुख पर दो नाबालिगों के यौन शोषण का आरोप

शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू जगदगुरु मुरुगाराजेंद्र विद्यापीठ के प्रमुख हैं, जो एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली लिंगायत शिक्षण संस्था है, जहां बहुत से राजनीतिक नेता जाते रहते हैं.

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नई दिल्ली: कर्नाटक में एक प्रभावशाली लिंगायत शिक्षण संस्था- जगदगुरु मुरुगाराजेंद्र विद्यापीठ के प्रमुख शिवमूर्ति मुरुग शरणारू पर चार अन्य के साथ, पिछले तीन सालों में दो नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण का मुकदमा दर्ज किया गया है.

शरणारू के खिलाफ आरोप लगने से कुछ हफ्ते पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनसे ‘ईष्टालिंगा दीक्षे’ हासिल की थी, जो लिंगायत संप्रदाय में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है.

समारोह में धार्मिक नेता को गांधी के माथे पर विभूति लगाते भी देखा गया. कांग्रेस नेता ने बाद में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उस अनुभव के बारे में लिखा.

जगदगुरु मुरुगाराजेंद्र विद्यापीठ एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली लिंगायत शिक्षण संस्था है, और यहां बहुत से राजनीतिक नेता आते रहते हैं.

मैसूरू पुलिस के सूत्रों के अनुसार लड़कियों का शोषण तब किया गया, जब वो विद्यापीठ परिसर के भीतर छात्रों के एक हॉस्टल में रहती थीं.

मामला प्रकाश में तब आया जब पीड़िताएं मैसूरू की ओदानादी सेवा संस्थे (ओएसएस) के पास पहुंचीं, जो मानव तस्करी के पीड़ितों के बचाव और सशक्तीकरण के लिए काम करने वाली एक एनजीओ है. ओएसएस ने फिर राज्य बाल कल्याण आयोग से संपर्क किया और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई.

अज्ञात रहने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करते हुए मैसूरू पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शरणारू और चार अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की दो धाराओं के तहत एक मुक़दमा दर्ज किया गया है, जिनका ताल्लुक बलात्कार और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं से है.

इस बीच, हॉस्टल वॉर्डन ने- जो मामले में एक अभियुक्त भी है- जनता दल (सेक्युलर) लीडर तथा पूर्व विधायक एसके बासवराजन और उनकी पत्नी सौभाग्य के खिलाफ एक जवाबी शिकायत दर्ज कराई है, जिन्होंने लड़कियों के हॉस्टल छोड़ने के बाद उन्हें कथित रूप से एक निजी सुविधा में भिजवा दिया था.

कर्नाटक मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने रविवार को कथित रूप से कहा, ‘चित्रदुर्गा में स्थित एक प्रमुख मठ के मुख्य पुजारी से जुड़े एक मामले में जांच जारी है, जिस पर लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी’.


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आरोप और प्रत्यारोप

एफआईआर के अनुसार, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, नाबालिगों का 2019 से यौन शोषण किया जा रहा था.

ऊपर हवाला दिए गए अधिकारी ने कहा, ‘हम आरोपों की जांच कर रहे हैं. अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी. जांच अभी चल रही है’.

मैसूरू पुलिस सूत्रों ने ये भी बताया कि दोनों नाबालिगों का एक मेडिकल टेस्ट भी किया गया था, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया.

सूत्रों ने बताया कि एफआईआर जिला बाल संरक्षण इकाई के चंद्रकुमार सी की ओर से मिली एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.

इस बीच पुलिस ने भी हॉस्टल वॉर्डन की शिकायत के आधार पर पूर्व विधायक बासवराजन – जो विद्यापीठ के प्रशासक हैं- और उनकी पत्नी के खिलाफ एक जवाबी एफआईआर दर्ज की है.

जेडी(एस) नेता और उनकी पत्नी पर कैद करके रखने, अपहरण करने और आपराधिक षडयंत्र तथा आपराधिक रूप से धमकाने के आरोप लगाए गए हैं.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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