श्रीनगर, 21 सितंबर (भाषा) उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि देश के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को आगे आकर जम्मू-कश्मीर के तेजी से होते औद्योगीकरण का समर्थन करना चाहिए।
राज्यपाल ने शनिवार को यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तर क्षेत्रीय परिषद की चौथी बैठक में उद्योग जगत के नेताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘‘देश की बड़ी कंपनियों, कॉर्पोरेट घरानों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को यह संकल्प लेना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर का औद्योगिक विकास उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगा।’’
सिन्हा ने कहा कि देश के शीर्ष औद्योगिक घरानों को यह ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर में निवेश करना चाहिए कि केंद्र शासित प्रदेश का पूर्ण एकीकरण और समावेशी विकास सुनिश्चित करना उनकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
उपराज्यपाल ने एमएसएमई की उत्पादकता और निर्यात बढ़ाने तथा नवाचार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के सुधारों से एमएसएमई और हस्तशिल्प इकाइयों को काफी लाभ होगा और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।
सिन्हा ने अनुसंधान एवं विकास में निजी निवेश की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
भाषा सुमित नेत्रपाल
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