श्रीनगर, 29 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थ मार्ग पर हाल में हुई भूस्खलन की घटना के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जांच का आदेश श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के खिलाफ कटरा में हुए विरोध प्रदर्शनों के एक दिन बाद दिया गया है। कटरा तीर्थस्थल पर आने वाले तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है।
इसके अलावा दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रियों को यात्रा की अनुमति देने पर सवाल उठाया था।
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति दो सप्ताह के भीतर सिन्हा को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
उपराज्यपाल सचिवालय में विशेष सचिव कृष्ण लाल ने सिन्हा के निर्देश पर जारी आदेश में कहा कि जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और पुलिस महानिरीक्षक बी एस टुटी समिति के दो अन्य सदस्य हैं।
सिन्हा श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। मंगलवार दोपहर तीर्थयात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गये थे।
आदेश में कहा गया है, ‘‘26-08-2025 को रियासी जिले में श्री माता वैष्णो देवी जी मार्ग पर अर्धकुंवारी के निकट हुई भूस्खलन की घटना के कारणों की जांच के लिए उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय समिति गठित की जाती है।’’
इसमें कहा गया है कि समिति घटना के कारणों की विस्तार से जांच करेगी और किसी भी चूक को इंगित करेगी, बचाव और राहत उपायों के रूप में प्रतिक्रियाओं का आकलन करेगी, और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपयुक्त एसओपी और उपाय सुझाएगी।
आदेश में कहा गया है, ‘‘समिति दो सप्ताह के भीतर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’
हादसे में मारे गये तीर्थयात्रियों के प्रति सम्मान और एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए बृहस्पतिवार को कटरा में आंशिक हड़ताल रखी गई, तथा सैकड़ों लोगों ने इस घटना के लिए श्राइन बोर्ड की आलोचना करने के लिए मार्च निकाला था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री जुगल किशोर शर्मा ने कहा, ‘‘यह त्रासदी श्राइन बोर्ड की अक्षमता को दर्शाती है, जिसने मौसम की चेतावनी के बावजूद यात्रा की अनुमति दी।’’
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के महासचिव कर्ण सिंह, जो कटरा में विरोध मार्च का हिस्सा थे, ने श्राइन बोर्ड पर तीर्थयात्रा का अत्यधिक व्यवसायीकरण करने का आरोप लगाया और उससे अनुरोध किया कि वह ‘‘इस तीर्थस्थल की शुचिता’’ के साथ खिलवाड़ न करे।
बृहस्पतिवार देर रात जारी बयान में श्राइन बोर्ड ने मौसम संबंधी चेतावनी की अनदेखी कर और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रखकर यात्रा की अनुमति देने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि 26 अगस्त को बादल फटने और भूस्खलन से पहले दोपहर में तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी।
बोर्ड ने हालांकि आपदा से हुई मौतों की संख्या के बारे में विवरण साझा नहीं किया।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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