नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में नगर निगम चुनाव होने दें। उन्होंने कहा कि चुनाव टालने से लोकतांत्रिक प्रणाली कमजोर होती है।
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगमों के विलय के बारे में केन्द्र से एक सूचना मिलने के बाद यहां दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा बुधवार को टाल दी थी। उसने कहा था कि वह दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण के लिए एक विधेयक लाने की केन्द्र की योजना के बाद चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर कानूनी सलाह लेगा।
केजरीवाल ने पूछा, ‘‘ जनता इस कदम पर सवाल उठा रही है। केन्द्र पिछले सात-आठ साल से सत्ता में है, उन्होंने पहले इनका एकीकरण क्यों नहीं किया?’’
मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ निर्धारित संवाददाता सम्मेलन (बुधवार को) से एक घंटे पहले ही उन्हें यह क्यों याद आया कि उन्हें तीनों नगर निकाय का एकीकरण करना है? भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की लहर है और वे चुनाव हार जाएंगे।’’
चुनाव और तीन नगर निगमों के एकीकरण के बीच संबंध पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव का तीन नगर निगमों के एकीकरण से क्या लेना-देना है? चुनाव के बाद चुने गए नए पार्षद तीन नगर निगम होने पर अपने-अपने कार्यालयों में बैठेंगे। अगर इनका एकीकरण होता है तो वे एकसाथ बैठेंगे।’’
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से चुनाव सुनिश्चित कराने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हाथ जोड़कर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुनाव होने देने का आग्रह करता हूं। सरकारें आती-जाती रहेंगी। देश सर्वोपरि है राजनीतिक दल नहीं। अगर हम निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाएंगे, तो संस्थान कमजोर होंगे। हमें संस्थाओं को कमजोर नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र तथा देश कमजोर होता है।’’
शहर के तीनों निगम पर वर्तमान में भाजपा का शासन है, जो 2012 में तत्कालीन एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विभाजन के बाद से नगर निकायों को नियंत्रित कर रही है।
निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा था कि केन्द्र सरकार, दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने के लिए संसद के बजट सत्र में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है और चूंकि चुनाव आयोग उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिली जानकारी पर गौर रहा है, इसलिए उसने तारीखों की घोषणा टालने का फैसला किया है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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