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Friday, 22 November, 2024
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शोर-शराबा और हंगामें की भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र, 37.60 % ही सिर्फ हो पाया काम

राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि निरंतर व्यवधानों ने पहले तीन हफ्तों के लिए सदन की कुल कार्यक्षमता को घटाकर 46.70 प्रतिशत कर दिया.

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नई दिल्ली: सदन के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर हंगामे और स्थगन के कारण शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता कम हो गई और इस दौरान सिर्फ 37.60 प्रतिशत ही काम हो पाया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि निरंतर व्यवधानों ने पहले तीन हफ्तों के लिए सदन की कुल कार्यक्षमता को घटाकर 46.70 प्रतिशत कर दिया.

सचिवालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा की उत्पादकता पहले सप्ताह में 49.70 प्रतिशत और दूसरे सप्ताह में 52.50 प्रतिशत रही. वहीं, तीसरे सप्ताह में सदन 27 घंटे 11 मिनट के कुल निर्धारित समय में से केवल 10 घंटे 14 मिनट के लिए कार्य कर सका है.

राज्यसभा सचिवालय ने बताया, ‘तीसरे सप्ताह के दौरान सबसे अधिक प्रश्नकाल प्रभावित हुआ, जिसमें संबंधित मंत्रियों द्वारा मौखिक रूप से 75 सूचीबद्ध तारांकित प्रश्नों में से केवल चार प्रश्नों के उत्तर दिए गए.’ सचिवालय ने बताया, ‘तीसरे सप्ताह के दौरान प्रश्नकाल के लिए उपलब्ध समय का केवल 11.40 प्रतिशत ही इस्तेमाल हो सका, जबकि कामकाज का 62.70 प्रतिशत समय सरकार के विधायी कार्य पर खर्च किया गया है.’

अधिकारियों ने बताया कि सप्ताह के दौरान हुई ‘कोविड-19 के ओमीक्रॉन स्वरूप के मामलों से उत्पन्न स्थिति’ पर एक अल्प अवधि की चर्चा अनिर्णायक रही. यह चर्चा सोमवार को फिर से शुरू किये जाने के लिए सूचीबद्ध है.

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को शून्यकाल के 17 मिनट बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया था, जिसमें सरकार और विपक्षी दलों से निलंबन के मुद्दे पर गतिरोध को हल करने का आग्रह किया गया था.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शीतकालीन सत्र के पहले तीन हफ्तों की 15 बैठकों के दौरान, सदन ने छह बैठकों के लिए प्रतिदिन एक घंटे से भी कम समय तक कार्य किया.

सचिवालय ने कहा कि सदन के कामकाज का लगभग 42 प्रतिशत समय अब तक कुल आठ विधेयकों को पारित करने में सरकार के विधायी कार्य पर खर्च किया गया है, जबकि प्रश्नकाल में केवल लगभग 18 प्रतिशत समय खर्च हुआ है, जबकि 217 सूचीबद्ध प्रश्नों में से केवल 56 का मौखिक रूप से उत्तर दिया गया है.

तीन सप्ताह के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में अब तक 81 शून्यकाल और 47 विशेष उल्लेख किए गए.

वाणिज्यिक सहित विवादों के समाधान को बढ़ावा देने के लिए मध्यस्थता विधेयक, 2021 को सोमवार को राज्यसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

लोकसभा द्वारा पारित नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक, 2021 को सोमवार को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.


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