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सोमवार, 12 मई, 2025
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वाम दलों ने मिसरी का समर्थन किया, ब्रिटास ने गृहमंत्री से जांच का आग्रह किया

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नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) वाम दलों ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी को निशाना बनाने वाले ऑनलाइन ट्रोल की सोमवार को आलोचना की और इस मामले पर सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वरिष्ठ राजनयिक पर हुए ऑनलाइन हमलों की जांच कराई जाए।

माकपा ने मिसरी और उनकी बेटी को ऑनलाइन ट्रोल किए जाने पर एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर मिसरी की एक तस्वीर साझा की।

वामपंथी दल ने कहा, ‘‘सरकार चुप क्यों है? ट्रोल करने वाले को शर्म आनी चाहिए।’’

ब्रिटास ने शाह को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह दुखद है कि उनकी नीतियों और निर्णयों की अभिव्यक्ति को गलत तरीके से समझा गया और उन्हें व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया। यह बेहद चिंताजनक है कि मिसरी को सोशल मीडिया पर मौखिक हमलों का सामना करना पड़ा है, यहां तक ​​कि उनके बच्चों के खिलाफ जहरीली टिप्पणियां की गईं।’’

उन्होंने गृह मंत्री से मिसरी और पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों की ऑनलाइन ट्रोलिंग की तत्काल जांच का आदेश देने का आग्रह किया।

ब्रिटास ने रविवार को कहा था कि मिसरी भारत के सबसे शानदार अधिकारियों में से एक हैं।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर दावा किया कि विदेश सचिव को यह कहने के लिए निशाना बनाया जा रहा है कि ‘‘आतंकवादी भारत को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना चाहते थे और भारत के लोगों ने अपनी एकता से इसे हरा दिया।’’

वाम दल ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि हमारी एकता और लोकतंत्र से कौन नफरत करता है।’’

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सवाल किया कि सरकार द्वारा लिये गए फैसले के लिए मिसरी को क्यों ट्रोल किया जा रहा है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा लिये गए निर्णय के लिए विदेश सचिव को क्यों ट्रोल किया जाना चाहिए? क्या ऐसा इसलिए है कि उन्होंने आतंकवादियों के सांप्रदायिक मंसूबे को विफल करने के लिए भारतीय नागरिकों को धन्यवाद दिया?’’

भाषा हक हक सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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