कोच्चि/त्रिशूर (केरल), 21 जनवरी (भाषा) केरल में विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्य में वाम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में कोविड-19 स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को सत्तारूढ़ माकपा को अपनी पार्टी के सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति देने के लिए बदल दिया गया था। कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोपों से इनकार किया है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि त्रिशूर और कासरगोड जिलों को सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों की श्रेणी में सूचीबद्ध नहीं किया गया था और दूसरे दिन मानदंड बदल दिए गए थे।
सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, “वामपंथी सरकार ने माकपा के जिला सम्मेलनों को आयोजित करने के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल को बदल दिया है। प्रतिबंध पहले टीपीआर पर आधारित थे, जिसे बृहस्पतिवार को बदल दिया गया था। त्रिशूर और कासरगोड जिले, जहां आज सम्मेलन शुरू हुए, किसी भी श्रेणी में नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि दो जिलों में सम्मेलनों में 300-400 लोगों को अनुमति देने का निर्णय, जहां टीपीआर (जांच संक्रमण दर) अधिक थी, संक्रमण को और फैलाएगा।
सतीशन ने कहा, “तिरुवनंतपुरम में सम्मेलन में भाग लेने वाले सैकड़ों लोगों के साथ एक मंत्री और एक विधायक को संक्रमण हो गया। ऐसा देश में कहीं और नहीं हो रहा है।”
इस बीच, माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने कहा कि उनकी सरकार का किसी भी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के उल्लंघन का कोई इरादा नहीं है।
बालाकृष्णन ने त्रिशूर में संवाददाताओं को बताया, “हमने प्रतिनिधियों को सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने और सम्मेलनों में भाग लेने के लिए सैनिटाइज़र का उपयोग करने का निर्देश दिया है। क्या आपको लगता है कि पार्टी चाहती है कि उसके कार्यकर्ता संक्रमित हों? हम सभी के जीवन की रक्षा करना चाहते हैं। पार्टी का इरादा किसी को नुकसान पहुंचाने का नहीं है।”
उन्होंने कहा कि पार्टी सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करती है। माकपा के कोविड-19 प्रतिबंध में हस्तक्षेप के सतीशन के आरोप को खारिज करते हुए कि बालाकृष्णन ने कहा कि यह सरकार थी जिसने प्रोटोकॉल तय किया था और उनकी पार्टी ने इस संबंध में कोई सुझाव प्रस्तुत नहीं किया था।
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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