नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कई विपक्षी दलों की तरफ से बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और कहा कि संसद में कृषि संबंधी विधेयकों को ‘असंवैधानिक’ तरीके से पारित किया गया है इसलिए राष्ट्रपति को इन विधेयकों को संस्तुति नहीं देकर इनको वापस भेजना चाहिए.
उन्होंने यह दावा भी किया कि रविवार को राज्यसभा में हंगामे के लिए विपक्ष नहीं बल्कि सरकार जिम्मेदार है.
कांग्रेस समेत कुल 18 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हुए आजाद ने राष्ट्रपति से भेंट की. पहले कई प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों वाले शिष्टमंडल को राष्ट्रपति के पास जाना था, लेकिन कोरोना महामारी से जुड़े प्रोटोकाल के कारण आजाद ने अकेले कोविंद से भेंट की.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद आजाद ने कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा, ‘सोमवार को करीब 18 दलों के नेताओं ने सहमति जताई थी कि राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें इससे अवगत कराया जाए कि किस तरह तरह से राज्यसभा में किसानों से संबंधित विधेयक पारित कराया गया.’
उनके मुताबिक, किसानों से संबंधित विधेयकों को सब लोगों से बातचीत करने के बाद लाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और किसानों के नेताओं से बातचीत करके ऐसा कानून लाना चाहिए था. ऐसा करने से किसान खुश होता.
उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से सरकार ने इन विधेयकों को स्थायी समिति और प्रवर समिति के पास नहीं भेजा। अगर भेजा होता तो बेहतर होता.’
आजाद ने दावा किया, ‘सदन में हंगामे के लिए विपक्ष जिम्मेदार नहीं है. सरकार जिम्मेदार है. किसी तरह का मतदान नहीं हुआ. संविधान, नियम और कानूनों की धज्जियां उड़ाई गईं.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि ये विधेयक सलीके से पारित नहीं हुआ है, यह असंवैधानिक है. इस विधेयक को वापस भेज दें ताकि इस पर दोबारा चर्चा हो और मतदान हो. मैंने यह भी कहा कि वह इन विधेयकों को संस्तुति नहीं दें.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘राष्ट्रपति जी ने कहा कि वह हमारी ओर से रखी गई बातों पर गौर करेंगे.’ इससे पहले विपक्ष की कई विपक्षी पार्टियों ने इन मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था.
उधर, कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने इन विधेयकों को लेकर बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया.
विपक्षी दलों के कई राज्यसभा सदस्यों ने दोपहर के समय संसद परिसर में मौन प्रदर्शन किया तो शाम के समय विपक्ष के कई लोकसभा सदस्यों ने प्रदर्शन किया.