तिरुवनंतपुरम, 30 जनवरी (भाषा) पूर्व मंत्री एवं वाम दल के विधायक के. टी. जलील ने रविवार को केरल लोकायुक्त को एक विवाद में घसीटते हुए उनके खिलाफ तल्ख टिप्पणी की। इस पर, विपक्षी दलों, कांग्रेस और भाजपा ने जलील की आलोचना की।
गौरतलब है कि लोकायुक्त ने जलील को रिश्तेदार की मदद करने के लिए सरकारी पद का दुरुपयोग करने का दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें पिनराई विजयन सरकार की कैबिनेट से अप्रैल, 2021 में उच्च शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
जलील ने लोकायुक्त के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी कर आरोप लगाए थे। इस संबंध में अभी तक लोकायुक्त से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
विपक्षी दलों कांग्रेस और भाजपा ने वामपंथी विधायक की जमकर आलोचना की और उनपर संस्था को अस्थिर करने का आरोप लगाया।
केरल की एलडीएफ सरकार द्वारा लोकायुक्त के अधिकार कम करने के लिए अध्यादेश लाने से उत्पन्न विवाद की पृष्ठभूमि में जलील ने संस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जलील पर निशाना साधते हुए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि लोकायुक्त को अस्थिर करने का प्रयास ऐसे वक्त में हो रहा है जब मुख्यमंत्री और एक मंत्री के खिलाफ मामले लंबित हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीशन ने एक बयान में कहा, ‘‘जब प्रयास विफल हो गया तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से लोकायुक्त पर निशाना साधने का फैसला लिया।’’
जलील के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने कहा कि वामपंथी सरकार देश की संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती दे रही है।
भाषा अर्पणा सुभाष
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