नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा से वकीलों के साथ संयम से पेश आने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया. इससे दो दिन पहले भूमि अधिग्रहण के एक मामले में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने एक वकील को अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
दिन की कार्यवाही के लिए अदालत कक्ष तीन में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ के एकत्रित होने के साथ ही कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना की अगुवाई में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इस मामले का जिक्र किया.
'If anyone is hurt,even an animal or tree I am ready for apology. In real sense I apologize to any living creature if I had caused harm to anyone,' Justice Arun Mishra of Supreme Court says,after senior member of the Bar requested him to be more patient while dealing with lawyers pic.twitter.com/jf2vY3EBuA
— ANI (@ANI) December 5, 2019
यह मुद्दा इसलिए उठा क्योंकि भूमि अधिग्रहण मामलों की सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति मिश्रा ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन को उस समय अवमानना की चेतावनी दी थी जब वह मामले में अपनी दलीलें रख रहे थे.
अधिवक्ताओं के इस मामले का जिक्र करते ही न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि उनके कथन से अगर किसी को दुख पहुंचा है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं.
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी भी न्यायाधीश की तुलना में बार का अत्यधिक सम्मान करते हैं.
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, ‘अगर किसी को किसी भी वक्त पीड़ा पहुंची हो, मैं हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूं.’