मुंबई : एल्गार परिषद-माओवादियों से संबंध मामले के आरोपी, आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टैन स्वामी की हालत नाजुक बनी हुई है. उनके वकील मिहिर देसाई ने सोमवार को यह जानकारी दी.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि रविवार रात तक, 84 वर्षीय जेशुइट (रॉयल कैथलिक समाज का सदस्य) पादरी जीवनरक्षक प्रणाली पर थे.
अदालत के 28 मई के आदेश के बाद, स्वामी का यहां होली फैमिली हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. निजी अस्पताल में उनके इलाज का खर्च उनके सहयोगी एवं मित्र उठा रहे हैं.
शनिवार को, अधिवक्ता मिहिर देसाई ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ को बताया कि स्वामी की हालत नाजुक बनी हुई है और वह अब भी अस्पताल के गहन देखभाल कक्ष (आईसीयू) में हैं.
पीठ ने मंगलवार को स्वामी की चिकित्सीय आधार पर दायर जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी थी और तब तक उन्हें अस्पताल में रहने को कहा था.
पिछले हफ्ते, स्वामी ने अदालत में एक नई याचिका भी दायर कर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 43डी (पांच) को चुनौती दी थी जो इस कानून के तहत आरोपी बनाए गए व्यक्ति की जमानत पर सख्त शर्तें लगाती है.
सोमवार को, देसाई ने कहा कि वह जमानत याचिका या यूएपीए के प्रावधानों को चुनौती देने वाली नई याचिका, दोनों में किसी पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय का रुख नहीं करेंगे.
देसाई ने कहा, ‘मुझे सुबह में उनकी (स्वामी) सेहत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन कल देर रात तक वह जीवनरक्षक प्रणाली पर थे.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए, अब प्राथमिकता उनका इलाज है. अगर कल को अदालत उन्हें बरी कर भी देती है, तो क्या हो जाएगा? उनकी स्वास्थ्य स्थिति ऐसी है कि उन्हें अस्पताल में ही रहना होगा.’
वरिष्ठ अधिवक्ता ने यह भी कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय और निजी अस्पताल से कोई शिकायत नहीं है.