scorecardresearch
Monday, 29 September, 2025
होमदेशलॉरेंस बिश्नोई ने 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय का छात्र रहते हुए रखा था अपराध की दुनिया में कदम

लॉरेंस बिश्नोई ने 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय का छात्र रहते हुए रखा था अपराध की दुनिया में कदम

Text Size:

( फाइल फोटो के साथ)

चंडीगढ़, 29 सितंबर (भाषा) जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय में छात्र रहते हुए अपराध की दुनिया में कदम रखा था।

बिश्नोई (32) ने विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के दौरान एक प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पर गोलीबारी की थी, जिसके लिए उसे तीन महीने जेल में बिताने पड़े थे।

वह गैंगस्टर-आतंकवादी नेटवर्क गठजोड़ का हिस्सा है और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कई चर्चित मामलों में उसे नामजद किया है।

गौरतलब है कि कनाडा ने सोमवार को कहा कि उसने ‘भय माहौल’ पैदा करने के लिए बिश्नोई गिरोह को एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “हिंसा और आतंकी कृत्यों के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं है, खासकर उन कृत्यों के लिए जिनमें भय का माहौल बनाने के लिए विशिष्ट समुदायों को निशाना बनाया जाता है।”

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, एक किसान का बेटा बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का जिले का मूल निवासी है और उसने चंडीगढ़ से कानून की डिग्री हासिल की है।

रिकॉर्ड के अनुसार, पंजाब में उसके पास कथित तौर पर लगभग 100 एकड़ जमीन है। उसके दाहिने हाथ पर भगवान हनुमान का टैटू बना हुआ है और वह अपनी ड्राइविंग व निशानेबाजी के कौशल के लिए जाना जाता है।

बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े गैंगस्टर-आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास के तहत एनआईए ने दो साल से भी ज्यादा समय पहले एक आतंकी मामले में बिश्नोई का नाम आरोपपत्र में दर्ज किया था। आरोप पत्र में उसकी आपराधिक गतिविधियों और पाकिस्तान से हथियारों, विस्फोटकों व मादक पदार्थों की तस्करी का ब्यौरा दिया गया था।

एनआईए ने दावा किया था कि बिश्नोई संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, जिससे गिरोह के सदस्यों, यहां तक कि जेलों में बंद लोगों के बीच भी निर्बाध बातचीत संभव हो पाती थी।

एजेंसी ने दावा किया कि वह कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर जबरन वसूली का सिंडिकेट चला रहा था। बराड़ के खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से घनिष्ठ संबंध हैं। बिश्नोई एक दशक से भी ज़्यादा समय से हिरासत में है। वह पिछले कई वर्षों से जहां भी रहा है, वहाँ की जेलों से अपने आतंकवाद-अपराध सिंडिकेट का संचालन करता रहा है।

लॉरेंस बिश्नोई उर्फ ​​बलकरन बराड़ 1998 में सिर्फ पांच साल का था जब राजस्थान में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान बॉलीवुड अभियान सलमान खान से जुड़ा कुख्यात काला हिरण शिकार प्रकरण हुआ था। इस प्रकरण के बाद बिश्नोई समुदाय नाराज हो गया था, जो इस काला हिरण को पूजनीय मानता है।

पुलिस के अनुसार, गैंगस्टर की सलमान से दुश्मनी पहली बार 2018 में सार्वजनिक हुई थी, जब जोधपुर में एक अदालत में पेशी के दौरान बिश्नोई ने कहा था, “हम सलमान खान को मार देंगे। जब हम ऐसा करेंगे तो सबको पता चल जाएगा। मैंने अभी तक कुछ नहीं किया है, वे मुझ पर बेवजह अपराध का आरोप लगा रहे हैं।”

तब से, अभिनेता को कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं।

जेल में बंद होने के बावजूद, बिश्नोई कथित तौर पर कई चर्चित लोगों की हत्याओं को अंजाम देने में कामयाब रहा है, जिसमें 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला, 2023 में करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी शामिल हैं। इसके अलावा उसने कनाडा में गायक ए पी ढिल्लों और जिप्पी ग्रेवाल के घरों के बाहर गोलीबारी की भी साजिश रची थी।

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह कथित तौर पर बीकेआई के एक सदस्य हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंदा के निर्देश पर मई 2023 में मोहाली स्थित पंजाब राज्य खुफिया मुख्यालय पर ‘रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड’ (आरपीजी) हमला करने के लिए भी जिम्मेदार था।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार कुछ ही वर्षों में बिश्नोई सबसे खूंखार गैंगस्टरों में से एक बन गया। फिलहाल वह गुजरात की एक जेल में बंद है।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments