नई दिल्ली: विस्तृत लॉन, पैदल चलने वालों के लिए चौड़े फुटपाथ, नहरों पर निचले स्तर के पुलों के साथ लॉन में नए तरीके से बनाया गया पैदल रास्ता, सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार और ऐसे ही बहुत अन्य सुविधाओं के साथ राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच फैले 3 किमी लंबे सेंट्रल विस्टा एवेन्यू को पूरा करने के लिए काम तेज गति से चल रहा है और उम्मीद है कि यह अगले साल की गणतंत्र दिवस परेड के लिए समय पर तैयार हो जायेगा.
26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम देखने के लिए राजपथ पर आने वाले आगंतुकों के पास न केवल बेहतर तरीके से परेड देखने हेतु बैठने की बेहतर व्यवस्था होगी, बल्कि उनके लिए अन्य बेहतर नागरिक सुविधाएं जैसे कि पैदल चलने वालों के अनुकूल बने अंडरपास जिससे आने वाले लोगो की आवाजाही का प्रभावी प्रबंधन किया जा सके, पूर्वनिर्धारित पार्किंग स्थल, रास्तों पर लगे निशान चिन्ह (साइनेज), पीने का पानी सुविधा और शौचालय आदि भी उपलब्ध होंगे.
केंद्र सरकार की प्राथमिक निर्माण शाखा, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), जो इस परियोजना पर काम कर रही है, ऐसे मशीनीकृत ब्लीचर्स (लोगों के बैठने के लिए सीढ़ीनुमा व्यवस्था) लगाने की योजना बना रही है, जिनमें 4,000 लोगों को बैठने की क्षमता है और जिन्हें लगाया जाना और फिर हटाना काफी आसान है.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह नवीनीकृत सेंट्रल विस्टा एवेन्यू इस बात को सुनिश्चित करेगा कि गणतंत्र दिवस के लिए आयोजनों की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए और इसमें कम से कम अव्यवस्था फैले. वे सालाना तौर पर होने वाले आयोजन के दौरान सेंट्रल एवेन्यू परिदृश्य को काफी कम नुकसान पहुंचाएंगे.’
इस एवेन्यू में सुधार किये जाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में मौजूदा बुनियादी ढांचे का भारी मात्रा में उपयोग किये जाने कारण इसमें बड़े पैमाने पर टूट-फूट हो गई थी.
477 करोड़ रुपये लागत वाला सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, पूरे सेंट्रल विस्टा में सुधार के लिए चल रहे प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दिल्ली के सत्ता केंद्रों का पूरी तरह से मेकओवर करना है . इस पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में आने वाले स्थलों में एक नया त्रिकोणीय आकार का संसद भवन, एक नया प्रधानमंत्री निवास, और शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन, कृषि भवन एवं वायु भवन सहित सरकारी कार्यालयों को एक जगह ही समायोजित किया जा रहा है, इसमें 10 नए भवन ब्लॉक शामिल हैं. इन इमारतों में वर्तमान में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, कृषि, वाणिज्य, वायु सेना जैसे केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के कार्यालय बने हुए हैं.
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू परियोजना से जुड़े आवास मंत्रालय के अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि पिछले महीने हुई भारी एवं अप्रत्याशित बारिश के कारण काम काफी धीमा हो गया था, बावजूद इसके उन्हें विश्वास है कि यह परियोजना अगले साल गणतंत्र दिवस परेड की मेजबानी के लिए समय पर तैयार हो जाएगी.
मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, ने कहा, ‘सितंबर में अप्रत्याशित वर्षा से काम प्रभावित हुआ था, लेकिन अब इसने फिर से गति पकड़ ली है.’
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नये रूप -रंग वाला सेंट्रल विस्टा एवेन्यू
ऊपर उद्धृत अधिकारी ने यह भी कहा कि इस परियोजना के पूरा हो जाने पर राजपथ पर छायी हरियाली का बढ़ना तय है – लॉन के तहत आने वाले क्षेत्र 3.5 लाख वर्ग मीटर से बढ़कर 3.9 लाख वर्ग मीटर हो जाएगा. नहरों के ऊपर लगभग 12 निचले स्तर के पुल बनाये जायेंगे.
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में सामानों की बिक्री के लिए खास तौर पर बनाए गए निर्धारित स्थान (डेडिकेटेड वेंडिंग स्पेस) भी होंगे.
दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘फ़िलहाल खुदरा विक्रेता (वेंडर्स) बेतरतीब तरीके से यहां-वहां स्थित हैं, जिससे राजपथ क्षेत्र में आने वाली जनता को काफी असुविधा होती है और यह यातायात में रुकावट का भी कारण बनता है. खास तौर पर बनाए गए वेंडिंग स्पेश से जमघट को कम करने में मदद मिलेगी.’
अधिकारी ने कहा कि मौजूदा बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण करते समय यह सुनिश्चित करने का हरसंभव ध्यान रखा गया है कि किसी खास क्षेत्र और उसके आसपास का अपना आवश्यक स्वरूप बरकरार रहे.
उदाहरण के लिए, मूल रूप से पेड़ों की कतारों से सज्जित परिदृश्य में किसी भी तरह से बदलाव नहीं किया जाएगा. राजपथ के दोनों किनारों पर स्थित पेड़ अपने स्थान पर ही बने रहेंगे और जामुन और मौलसरी सहित अन्य मूल प्रजातियां राजपथ पर बनी रहेंगी.
इंडिया गेट को यमुना से जोड़ने वाले एक पैदल मार्ग और एक साइकिल पथ के निर्माण की भी योजना है.
इस मार्ग पर एक बस शटल सेवा उपलब्ध होगी. आवास मामलों का मंत्रालय राष्ट्रपति भवन के पीछे स्थित 75 एकड़ भूमि में एक राष्ट्रीय जैव विविधता अर्बोरेटम तैयार करने की भी योजना बना रहा है, जिसमें भारत के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के पौधों का संग्रह होगा.
केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना को सीपीडब्ल्यूडी द्वारा चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है. गुजरात स्थित वास्तुकार बिमल पटेल की फर्म एचसीपी डिजाइन ने इस परियोजना को डिजाइन करने के लिए अक्टूबर 2019 में आयोजित बोली में सफलता प्राप्त की थी.
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