नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में रविवार की तुलना में कमी आई है और लोगों के ठीक होने की दर 22.17 प्रतिशत हो गई है. पिछले कुछ दिनों से चल रहे रैपिड टेस्टिंग किट से जुड़े विवाद को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इन किट्स की बेहद सीमित भूमिका है और हाल में जो किट्स ख़रीदी गई थीं उनके लिए कोई पेमेंट नहीं की गई.
एक तरफ़ जहां रविवार को कोरोना पॉजीटिव होने के 1975 मामले सामने आए थे वहीं पिछले 24 घंटों में 1396 नए मामले आए हैं, जिसके बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 27892 हो गई है. इनमें से 20,835 लोग मेडिकल सुपरविजन में हैं और पिछले 24 घंटों में 381 मरीज़ ठीक हुए हैं.
ये तमाम जानकारियां देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के लव अग्रवाल ने कहा, ‘संक्रमण से ठीक होने वाले कुल लोगों की संख्या बढ़कर 6184 हो गई है और भारत में कोविड से ठीक होने वाले मरीज़ों का औसत 22.17 प्रतिशत हो गया है.’
उन्होंने ये भी बताया कि देश के 16 ज़िलों में पिछले 28 दिनों से कोई नया मामला नहीं आया. इस लिस्ट में जो तीन नए ज़िले शामिल हुए हैं उनमें महाराष्ट्र का गोंदिया, कर्नाटक का दावानागरे और बिहार का लखीसराय शामिल हैं. दो ऐसे भी ज़िले हैं जिनमें 28 दिनों से कोई मामला नहीं आया था लेकिन अभी अचानक से नए मामले आए हैं. ये ज़िले उत्तर प्रदेश का पीलीभीत और पंजाब का एसपीएस हैं.
रैपिड किट की नहीं हुई है कोई पेमेंट
एक सवाल के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि रैपिड किट की भूमिका बहुत सीमित है. उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने पूरा प्रोसेस फॉलो करते हुए टेंडर के जरिए किट्स ख़रीदे. राज्यों से मिली शिकायत के बाद किट का इस्तेमाल रोक दिया गया. इस ख़रीद के लिए कोई पेमेंट नहीं दी गई है.’
उन्होंने ये भी कहा कि कोविड के मामले में सबसे बेस्ट माने जाने वाले आरटी पीसीआर टेस्ट किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने ये भी कहा कि देश के पास जितनी किट्स हैं उतनी ही अभी पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं हो पा रही है.
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र पहुंचे इंटर मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीम (आईसीएमटी) ने जानकारी दी है कि पुणे में केस के दोगुने होने का समय सात दिनों का है और यहां नौ सैंपलों में एक पॉज़िटिव पाया जा रहा है जबकि राष्ट्रीय औसत 23 में से एक सैंपल पॉज़िटिव पाए जाने का है.
शुरू हो चुकी है गेहूं की कटाई
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने ये भी कहा कि देश भऱ में 80 प्रतिशत गेंहू काटा जा चुका है और 80 प्रतिशत अनाज मंडिया चालू हैं. वहीं दाल-तिलहन की ख़रीद भी जारी है जिसके लिए किसान रथ एप का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस एप पर 80,000 किसान है मौजूद है.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अभी तक मनरेगा से 2 करोड़ के ज़्यादा श्रमिकों को रोज़गार मिला है. इंपावर्ड ग्रुप- 5 के पर्मेश्वर अय्यर ने कहा कि रेलवे ने बहुत अच्छा काम किया है. अगर रेक्स की मूवमेंट को देखें तो 25 अप्रैल तक ये 67 प्रतिशत से बढ़कर 76 प्रतिशत हो गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज़ोर देकर कहा कि कोविड के ख़िलाफ़ जो लोग पहली पंक्ती में खड़े होकर देश सेवा में लगे हैं उनके ख़िलाफ़ किसी तरह का ग़लत व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. पहली पंक्ती में खड़े होकर देश सेवा में लगे डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों के ख़िलाफ़ दुर्व्यवहार के कई मामले सामने आए हैं.
इसी दुर्व्यवहार के ख़िलाफ़ जागरुकता से जुड़ी एक वीडियो दिखाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये अपील भी की कि कोविड को लेकर कोई लेकर कोई ग़लत जानकारी न फ़ैलाई जाए.