नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) राज्यसभा की मनोनीत सदस्य रह चुकीं सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भले ही संसद के सत्र में नियमित रूप से शामिल नहीं हुआ करती थीं, लेकिन उन्होंने आतंकवाद रोकथाम विधेयक (पोटा) के पक्ष में मतदान किया था। यह विधेयक 2002 में संसद के एक संयुक्त सत्र में पारित किया गया था।
लता (92) का रविवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।
उन्हें संसद के उच्च सदन, राज्यसभा में नवंबर 1999 में मनोनीत किया गया था और उनका कार्यकाल 21 नवंबर 2005 को पूरा हुआ था।
वह राज्यसभा की कार्यवाही में बहुत कम शामिल हुई थीं और उनका मानना था कि वह संसद के अनुपयुक्त हैं।
हालांकि, तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री प्रमोद महाजन ने 21 मार्च 2002 को आतंकवाद रोकथाम विधेयक पर सदन में अधिकतम सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित की थी। आगे चलकर, दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में विधेयक ने पारित होने पर आतंकवाद रोकथाम अध्यादेश की जगह ली थी।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं था और विधेयक लता सहित 98 सदस्यों के समर्थन के बावजूद पारित नहीं हो सका था क्योंकि इसके खिलाफ 113 सदस्यों ने मतदान किया था।
बाद में, 26 मार्च 2002 को संसद के सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा का एक संयुक्त सत्र बुलाया गया, जिसने आतंकवाद रोकथाम विधेयक को पारित कर दिया। इसके समर्थन में 425 और विरोध में 296 सदस्यों ने मतदान किया था।
संसद के रिकार्ड से पता चलता है कि लता ने दोनों मौकों पर मतदान किया था। राज्यसभा में 21 मार्च को और संयुक्त सत्र में 26 मार्च को भी।
लता ने संसद के सेंट्रल हॉल में आजादी की 50 वीं वर्षगांठ संबंधी समारोहों में भी भाग लिया था।
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