नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान पीएम ने राज्यों में कोरोना की स्थिति की समीक्षा भी की.
कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देख पीएम ने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विस्तार करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. यह होगा तो हर एक कोरोना मरीज को ठीक से इलाज मिल सकेगा. इसलिए हमें टेस्ट पर जोर देना होगा ताकि हम संक्रमित व्यक्ति की समय रहते जांच कर सकें और उसे आइसोलेट कर सके.
भारत के पास भी पीपीई किट कम थे.किट को लेकर हम पूरी तरह से आयात पर निर्भर थे.लेकिन आज स्थितियां कुछ और हैं एक करोड़ से अधिक की पीपीई किट और उतने ही एन 95 मास्क राज्यों को दिए जा चुके है.
क्यों हुई कोविड के खिलाफ लड़ाई चुनौतीपूर्ण
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों की भीड़, सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करना, बड़ी संख्या में लोगों की रोजाना आवाजाही तथा कुछ शहरों में छोटे मकानों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को ‘अधिक चुनौतीपूर्ण’ बना दिया है.
CMs thanked the PM for his leadership & briefed him about the ground situation in states & their preparedness to tackle the impact of #Coronavirus. They talked about health infrastructure available to meet the challenge & steps taken to strengthen it further: PMO
— ANI (@ANI) June 17, 2020
पीएम ने कहा, ‘भारत में आज भी कुछ ही मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की जरुरत पड़ रही है.’
‘सरकार ने समय पर जरुरी कदम उठाए है. इसलिए आज हम कोरोना के खिलाफ लड़ने और इसके संक्रमण के विस्तार को नियंत्रण करने में सक्षम हो सके है.’
पीएम ने कहा, ‘पूरे देश में कोरोना की 900 से ज्यादा टेस्टिंग लैब है. लाखों बेड हैं. हजारों की संख्या में क्वारेटाइन सेंटर और आइसोलेशन सेंटर्स हैं. इनमें सबसे बड़ी बात यह है कि आज देश का हर नागरिक इस वायरस के प्रति पहले से ज्यादा जागरुक और सचेत हुआ है. ये सब केवल राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के दिन और रात करने की वजह से ही संभव हो सका है.’
पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों के अनुशासन ने वायरस के अतिशय प्रसार पर रोक लगाई. बीते दो से तीन माह में बड़ी संख्या में क्वारंटीन और आइसोलेशन सेंटर्स का निर्माण हुआ है. हमें भविष्य में ओर तेजी से काम करना होगा ताकि मरीजों को बेड की परेशानी नहीं हो. इस दौरान टेलीमेडिसिन का महत्व बहुत ही बढ़ गया है. सभी को टेलीमेडिसन का लाभ मिले इसके लिए हमें अपने प्रयास को बढ़ाने होंगे.
Just 3 months back, there was shortage of PPE kits&diagnostic kits across the world. In India too, we had a very limited stock because we were completely dependent on imports. But today, more than 1 crore PPE kits & equal no. of N95 masks have reached the states: PM Narendra Modi pic.twitter.com/mViMsgW6RG
— ANI (@ANI) June 17, 2020
उन्होंने आगे कहा, जिन राज्यों में आरोग्य सेतुए एप को लोगों ने ज्यादा डाउनलोड हुआ है. वहां बहुत ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है. सरकारों की कोशिश होनी चाहिए कि आरोग्य सेतु एप ज्यादा ज्यादा लोग डाउनलोड करें.
समय पर सूचना प्रदान करने के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हेल्पलाइन लोगों के लिए मददगार हों. उन्होंने फोन से रोगियों को निर्देश देने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों तथा युवा स्वयंसेवियों के दल बनाने को भी कहा.
मोदी ने इस बीमारी से जुड़े ‘कलंक’ से भी लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि लोगों को विश्वास दिलाया जाना चाहिए कि अगर कोई संक्रमित हो गया है तो घबराहट की जरूरत नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग सही हो रहे हैं.
उन्होंने लोगों को वायरस से मुकाबले के लिए साफ-सफाई, मास्क पहनने और एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखने के फायदे याद दिलाते रहने की जरूरत बताई.
Also, at present, ventilator and ICU care are needed for very few patients across the country. We have been able to fight #COVID19 and control its spread because of the timely measures taken by us: Prime Minister Narendra Modi https://t.co/DXb6OdOhHq
— ANI (@ANI) June 17, 2020
बैठक में हिस्सा लेते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम अब तक पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोनावायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में काफी सफल रहे हैं लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. उन्होंने रेखांकित किया कि जैसे ही हम अनलॉक करना शुरू करते हैं हमें और सतर्क रहना चाहिए.
कोरोनावायरस पर राज्यों की बैठक के पहले पीएम ने लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी दी.
बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया. सभी ने अपने राज्यों के जमीनी हालात और वायरस के प्रभाव से निपटने की उनकी तैयारियों के बारे में बताया. उन्होंने चुनौती को पूरा करने के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर और उसे मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात की.
मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र,दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की.इस वार्ता का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि देश में कोरोना वायरस के अधिकतर मामले इन्हीं में से कुछ राज्यों से सामने आए हैं.