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Saturday, 4 May, 2024
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कोरोना के कारण जेलों से हो रही है रिहाई, हेमंत के हाथों में है लालू यादव की पैरोल का फैसला

सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह किया गया है कि लालू यादव सहित अन्य कैदी जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है, उन्हें पैरोल पर छोड़ने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उसे मंजूरी दिया जाए.

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रांची : चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 14 साल जेल की सजा हुई है. फिलहाल वह रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के कैदी वार्ड में भर्ती हैं. इसी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज भी चल रहा है. यही नहीं जिस वार्ड में वह एडमिट हैं, उसी के ठीक ऊपर वाले फ्लोर में कोरोना संदिग्धों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के संदर्भ में उनको पैरोल पर रिहा करने की कवायद चल रही है.

झारखंड में कांग्रेस कोटे से मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि लालू यादव को पैरोल पर छोड़ने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. उनकी उम्र 70 साल से ज्यादा हो गई है. ऐसे में उन्हें कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा है. इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह किया गया है कि लालू यादव सहित अन्य कैदी जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है, उन्हें पैरोल पर छोड़ने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उसे मंजूरी दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया जाए.


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बीते 23 मार्च को दिए एक दिशा-निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस के चलते जेल में कैदियों की संख्या कम करने के लिए सुझाव दिया था. चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने सभी राज्य सरकारों को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठन करने की बात कही थी. इसमें कहा गया था कि सात साल से कम सजा पाए कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है. इस दिशा-निर्देश के तहत कमेटी यह तय करेगी कि किस श्रेणी के कैदियों को पेरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद झारखंड में एक उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एससी मिश्रा, चीफ सेक्रेटरी सुखदेव सिंह, जेल आईजी शशि रंजन और डालसा के सचिव मौजूद थे. बैठक में तय हुआ था कि आर्थिक अपराध और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पेरोल नहीं दी जाएगी. वहीं गंभीर अपराध और सात साल से कम सजा वाले कैदियों के पैरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी. उस मामले में संबंधिक कोर्ट ही निर्णय ले सकती है.

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सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार ने 11 हजार, पंजाब सरकार ने 6 हजार, हरियाणा सरकार ने भी कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का फैसला लिया है.

पैरोल पर फैसला सरकार का होगा कोर्ट का नहीं. लालू यादव के मामले को देख रहे रांची जिला कोर्ट के वकील अनंत कुमार वीज ने बताया कि फिलहाल 4 मामलों में 14 साल की सजा भुगत रहे हैं. जिसमें 28 महीने की सजा वह पूरी कर चुके हैं.


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इधर झारखंड हाईकोर्ट में लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि ‘सजायाफ्ता कैदी को पैरोल पर रिहाई पूरी तरह सरकार का मामला है. इसमें कोई कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. सरकार अगर कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर इसे पास करती है तो यह संभव है. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी सजायाफ्ता कैदी साल में एक महीना का पैरोल ले सकता है. जेल में नौ महीने का साल होता है. यानी अगर किसी कैदी को तीन साल की सजा हुई है तो उसे 27 महीना ही जेल में रहना होगा.’

वहीं हाईकोर्ट के वकील सचिन कुमार ने भी कहा कि पैरोल रिहाई नहीं है, यह एक तरह की छुट्टी है. जिन मामलों में सजा मिल चुकी है, उसमें पैरोल मिल सकता है. लेकिन जिसमें ट्रायल चल रहा है, उसमें पैरोल के लिए कोर्ट के पास ही जाना होगा. वकील अनंत कुमार के मुताबिक एक मामले में ट्रायल चल रहा है.

तेजस्वी ने कहा पिताजी को लेकर हेमंत मुझसे ज्यादा गंभीर

वहीं, आरजेडी के कार्यकारी अध्यक्ष और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि ‘डॉक्टरों का कहना है कि कोरोनावायरस से क्रॉनिक डिजीज वालों को ज्यादा खतरा है. हमारे पिताजी का किडनी 50 प्रतिशत से ज्यादा खराब है. ओपन हार्ट सर्जरी भी हुई है. सबसे बड़ी चिंता की बात है कि जिस प्राइवेट वार्ड में उनको रखा गया है, उसी के बगल में कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी है.’

तेजस्वी ने कहा, ‘जहां तक हेमंत सोरेन से इस संदर्भ में बातचीत की है, तो मैंने कभी उनसे इसके बारे में बात नहीं की है. क्योंकि जितना मैं अपने पिताजी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हूं, उससे ज्यादा हेमंत सोरेन खुद हैं. इस तरह की औपचारिकता की जरूरत मैं नहीं समझता. हमारा वर्षों पुराना पारिवारिक संबंध है. वह सरकार के मुखिया हैं, बेहतर निर्णय लेना जानते हैं.’

रिम्स में लालू यादव के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि फिलहाल लालू यादव का स्वास्थ्य स्थिर है. उनके वार्ड के बगल में नहीं, बल्कि उसके ऊपर वाले फ्लोर में कोरोना मरीज का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. हालांकि वह कमरे से बाहर नहीं निकलते हैं. वह किसी मरीज या कोरोना मरीज का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के संपर्क में नहीं आ रहे हैं.’

राज्य में अब तक 14 कोरोना पॉजिटिव, एक की मौत

दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के मुताबिक झारखंड में सात सेंट्रल जेल, 14 जिला जेल, एक ओपन जेल अन्य सभी जेल मिलाकर कुल 29 जेल हैं. इसमें फिलहाल 18,274 कैदी बंद हैं. जबकि इसकी क्षमता 16,014 कैदी रखने की है. इन कैदियों में 12,484 कैदी विचाराधीन हैं. वहीं एनसीआरबी की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के 1339 जेलों में 4,66,084 कैदी बंद हैं. जबकि इन जेलों की क्षमता 3,96,223 कैदियों के रखने की है. इसमें 1,39,488 सजायाफ्ता कैदी हैं. वहीं 3,23,537 विचाराधीन हैं.

आगामी सोमवार यानी 13 अप्रैल को झारखंड सरकार के मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. बहुत अधिक संभावना है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने सहित लालू यादव के मसले पर भी चर्चा हो. इसके बाद ही तय होगा कि लालू यादव को पेरोल पर रिहाई मिल रही है या नहीं. हालांकि, इस मसले पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के अलावा सत्तापक्ष के और किसी नेता ने बात नहीं कही है. देखना होगा कि हेमंत सरकार इसपर क्या निर्णय लेती है.

इधर राज्य में अब तक कुल 14 कोरोना मरीज पाए गए हैं. बीते 10 अप्रैल को सरकार की ओर से जारी अपडेट के मुताबिक कुल 1681 लोगों का सैंपल लिया गया है. इसमें 1326 केस निगेटिव आए हैं. वहीं एक व्यक्ति की मौत हो गई है.

(लेखक झारखंड से स्वतंत्र पत्रकार हैं.)

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