scorecardresearch
Friday, 26 April, 2024
होमदेशआडवाणी, जोशी पर उभरे विवाद से वीएचपी ने खुद को दूर किया, कहा- भूमि पूजन का न्यौता देना ट्रस्ट का काम

आडवाणी, जोशी पर उभरे विवाद से वीएचपी ने खुद को दूर किया, कहा- भूमि पूजन का न्यौता देना ट्रस्ट का काम

राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को न्यौता मिलने पर अभी तक संशय बना हुआ है.​

Text Size:

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां शुरू हो गई है. 5 अगस्त को होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत कई लोग शामिल होंगे. लेकिन इस भूमि पूजन समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को न्यौता मिलने पर संशय बना हुआ है.​

राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले दोनों वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम में शामिल होने पर विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन का कहना है, ‘राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के लिए अति​थियों को न्यौता देना श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का काम है. ट्रस्ट की तरफ से फोन कर चुनिंदा लोगों को ही सामारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया जा रहा है. वीएचपी की तरफ से महामंत्री और उससे उपर के पदाधिकारी इसमें शामिल होंगे.’

कोविड 19 के चलते वरिष्ठ नेताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भूमि पूजन कार्यक्रम के सवाल पर भी डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘निमंत्रण देने ट्रस्ट का काम है. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.’

डॉ. सुरेंद्र जैन ने दिप्रिंट से कहा, ‘भूमि पूजन का कार्यक्रम 5 अगस्त को है. जिन लोगों को निमंत्रण नहीं मिला है, आगामी कुछ दिनों में उन्हें मिल जाएगा. राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का है. उन्हीं की तरफ से न्यौता जा रहा है. सभी को फोन कर इसके बारें में सूचना दी जा रही है.’


यह भी पढ़े:  राम मंदिर के लिए वीएचपी 5 लाख गांवों के 10 करोड़ परिवार तक जाएगी, प्रति परिवार सौ रु. लेने की भी है योजना

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर का भूमि पूजन देश के लिए एक गौरवशाली क्षण है. इस राष्ट्रीय गौरव को कोई धूमिल नहीं कर सकता है. राम जन्मभूमि आंदोलन का इतिहास देश को ‘आत्मग्लानि से आत्मविश्वास की ओर’ ले जाने वाली एक अद्भुत गौरव यात्रा है’.

उन्होंने कहा, ‘लगभग 1000 वर्षों तक विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध चले निरंतर संघर्ष के बाद हमने विजय प्राप्त की थी परंतु छद्म धर्म-निरपेक्षता की विभाजनकारी राजनीति ने देश के स्वाभिमान को कुंठित करने का प्रयास निरंतर किया.’

डॉ जैन ने कहा, ‘इस आंदोलन ने विभाजन की सभी रेखाओं को समाप्त कर दिया है. जाति, पंथ, भाषा, क्षेत्र आदि से ऊपर उठकर हिंदू संगठित हुआ है. इसी स्वाभिमान, आत्मविश्वास व राष्ट्रीय गौरव के परिणाम स्वरूप भारत में विभाजनकारी राजनीति जीवन के सभी क्षेत्रों से लुप्त होती जा रही है.’


यह भी पढ़े: गाय के गोबर, गोमूत्र और साबुन से भारत बनेगा आत्मनिर्भर, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने शुरू किया अभियान


उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीयता का गौरव किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक तत्व होता है परंतु, विभाजनकारी तुष्टीकरण की राजनीति के कारण भारत की राष्ट्रीयता की परिभाषा भ्रमित कर दी गई थी. अब भारत की राष्ट्रीयता को किसी विदेशी आक्रांता से नहीं जोड़ा जा सकता. राष्ट्र पुरुषों की प्रेरक गाथाएं ही इस को परिभाषित करती हैं.’

उन्होंने कहा, ‘भगवान राम के मंदिर का शीर्ष कलश स्थापित होने तक सभी विभाजनकारी तत्व पूर्ण रूप से निरर्थक व निष्तेज हो जाएंगे और आत्म गौरव स्वाभिमान तथा आत्मविश्वास से युक्त एक नए भारत का संकल्प साकार होगा.’

share & View comments

1 टिप्पणी

  1. This is not VHP of Ashok Singhal ji. This is some other VHP. The original VHP has been renamed AHP led by Sh Pravin Togadia.

Comments are closed.