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Thursday, 9 May, 2024
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मुस्लिम नेताओं सहित मुद्दई को भी भेजा गया राम मंदिर के भूमि पूजन का निमंत्रण, किसी भी विपक्षी नेता को न्यौता नहीं

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में 5 अगस्त के भूमि पूजन समारोह के लिए निमंत्रण भेज दिया है. पीएम मोदी सहित बीजेपी-आरएसएस-वीएचपी के मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया है.

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नई दिल्ली: पांच अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन समारोह में पहुंचने वाले मेहमानों की सूचि तैयार हो गई है. इसमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े भाजपा, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेताओं के साथ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुख्य मुद्दई में से एक, बाबा रामदेव और देशभर के कई संतों को आमंत्रित किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित किए जा रहे इस भूमि पूजन समारोह में आने के लिए मुहर लगा दी है.

ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम नेताओं को भी आमंत्रण भेजा है, जिसमें उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़फर फारूक़ी और यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वासिम रिज़वी भी शामिल हैं.

अयोध्या लैंड डिस्प्यूट मामले में प्रमुख याचिकाकर्ता इक़बाल अंसारी को भी निमंत्रण भेजा गया है. अंसारी के बेटा मोहम्मद हाशिम अंसारी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुद्दई में से एक हैं.

सूत्र ने बताया, भाजपा और संघ के नेताओं ने जिन्होंने इस मौके पर अयोध्या पहुंचने पर मुहर लगा दी है उसमें एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हैं. आरएसएस चीफ मोहन भागवन, जेनरल सेक्रेटरी सुरेश भय्याजी जोशी और योग गुरू रामदेव को आमंत्रित किया गया है उन्होंने भी आने की पुष्टि कर दी है.

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विपक्ष के नेताओं को नहीं भेजा आमंत्रण

ट्रस्ट ने विपक्षी राजनीतिक पार्टी के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया है, यहां तक की कांग्रेस पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी को भी नहीं.

दिप्रिंट को पुणे से ट्रस्ट में खंजाची स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया, ‘हमने किसी भी राजनीतिक दल को निमंत्रण नहीं भेजा है क्योंकि हम पार्टियों के बीच अंतर नहीं करना चाहते हैं. हम किसी को चुन नहीं सकते. भगवान राम सभी के लिए पवित्र हैं. जिन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है, हम उन सभी से अपील कर रहे हैं, जो जहां है वह वहीं से प्रार्थना करे.’

एकमात्र अपवाद अंबेडकर नगर से बीएसपी के सांसद रितेश पांडे हैं. गिरी ने कहा, ‘हमने फैजाबाद, अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी सांसदों और विधायकों को आमंत्रित किया है.’

इस लिस्ट में फैज़ाबाद का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजेपी के सांसद लल्लू सिंह, मिलकीपुर से बीजेपी विधायक बाबा गोरखनाथ और अयोध्या से बीजेपी के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता भी लिस्ट में शामिल हैं. यहां तक की अयोध्या के वरिष्ठ सिविल सर्वेंट भी आमंत्रित किए गए हैं.

गिरी ने यह भी बताया कि ट्रस्ट ने महामारी की वजह से किसी भी केंद्रीय मंत्री को निमंत्रण नहीं भेजा है.

वह आगे कहते हैं,’ कोविड महामारी के कारण ट्रस्ट ने बहुत गिने-चुने लोगों को ही आमंत्रित किया है. हमें नहीं पता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो इस मौके पर वहां मौजूद होंगे ने कुछ लोगों को निमंत्रित किया है या नहीं.
सूत्र ने यह भी बताया कि इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उनके दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी भी इसमें शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित होंगी.


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राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल होने वाले सभी

सूत्र ने कहा, भाजपा और विश्वहिंदु परिषद के वो सभी चर्चित चेहरे और नेता जो राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल रहे थे सभी ने भूमि पूजन में उपस्थित होने की बात कही है.

इनमें भाजपा नेता एल.के आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और नेता उमा भारती, विनय कटियार और साधवी रितंभरा.

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, आरएसएस महिला विंग की प्रमुख शांति अक्का और वीएचपी के वरिष्ठ सदस्य स्वर्गीय विष्णु हरी डालमिया के पुत्र पुनीत डालमिया को भी निमंत्रण भेजा गया है.

देशभर के संत और अखाड़ा के मुखिया जो विभिन्न हिंदु पंतों का प्रतिनिधित्व करते हैं उन्हें भी आमंत्रित किया गया है. गिरी ने कहा,’ हमलोगों ने प्रमुख बौद्ध भिक्षु, चिनमया और राम कृष्ण मिशन के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रण भेजा है.’


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‘सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा’

कोविड महामारी के बीच, ट्रस्ट राम मंदिर भूमि पूजन की तैयारियों में जुटा है.

पिछले वर्ष 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरवरी में बनाए गए, ट्रस्ट के एक सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, ‘ यह एक एतिहासिक समय होगा, इस मौके का हमने कई वर्षों से इंतजार किया है. लेकिन हां हमलोग महामारी के दौरान देश की स्थिति से वाकिफ़ हैं. हमलोग सुरक्षा के सारे इंतजामों का ध्यान रखेंगे. सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा.’

भूमि पूजन के आयोजन के तुरंत बाद से ही मंदिर निर्माण का कार्य आधिकारिक रूप से तैयार हो जाएगा. ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की डेडलाइन 2024 रखी है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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