इंदौर, 16 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने खेतों में पराली (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं को लेकर सख्त कदम उठाते हुए किसानों पर तगड़ा जुर्माना लगाने के साथ ही खेत मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जिलाधिकारी आशीष सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम खेतों में पराली जलाने वाले लोगों के खिलाफ नियम-कायदों के तहत सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि आस-पास के गांवों में पराली जलाने से इंदौर की वायु गुणवत्ता पर बुरा असर भी पड़ रहा है जिसे देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हासिल है।
प्रशासन के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिले में पराली जलाने को लेकर पिछले चार दिनों के भीतर 770 किसानों पर कुल 16.71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी किया है।
अधिकारी ने बताया,’यह आदेश पराली जलाने से पर्यावरण, आम लोगों और जीव-जंतुओं को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जारी किया गया है।’
उन्होंने बताया कि प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर जिले में संबंधित खेत मालिकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
इस बीच, पराली जलाने वाले किसानों पर तगड़ा जुर्माना लगाने की कार्रवाई को लेकर कृषक संगठन आपत्ति जता रहे हैं।
पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा,‘‘हम मानते हैं कि खेतों में पराली जलाना गलत है, लेकिन ऐसे मामलों में किसानों पर एकाएक मोटा जुर्माना लगा दिया जाना भी अनुचित है।’’
उन्होंने मांग की कि कृषि विभाग के अफसरों को गांवों का दौरा करना चाहिए और पराली को नष्ट करने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने चाहिए।
भाषा हर्ष शफीक
शफीक
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