इंदौर, 16 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने खेतों में पराली (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए किसानों पर तगड़ा जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है और प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी किया है। प्रशासन के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि जिले में खेतों में पराली जलाने को लेकर अब तक 668 प्रकरण दर्ज किए गए हैं और संबंधित किसानों पर कुल 13.68 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अधिकारी के मुताबिक, प्रशासन ने पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी किया है।
उन्होंने बताया, “यह आदेश पराली जलाने से पर्यावरण, आम लोगों और जीव-जंतुओं को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जारी किया गया है।”
अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
पराली जलाने वाले किसानों पर तगड़ा जुर्माना लगाने की कार्रवाई को लेकर कृषक संगठन आपत्ति जता रहे हैं।
पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा,‘‘हम मानते हैं कि खेतों में पराली जलाना गलत है, लेकिन ऐसे मामलों में किसानों पर एकाएक मोटा जुर्माना लगा दिया जाना भी अनुचित है।’’
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा गांवों का दौरा किये जाने और पराली को नष्ट करने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग की।
भाषा हर्ष जितेंद्र
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