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Sunday, 24 November, 2024
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कुंदरकी सीट उपचुनाव: भाजपा के रामवीर सिंह को भरोसा नहीं था कि जीत का अंतर इतना बड़ा होगा

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(अरुणव सिन्‍हा)

लखनऊ/मुरादाबाद (उप्र), 24 नवंबर (भाषा) मुरादाबाद जिले की कुंदरकी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रामवीर सिंह ने सभी नेताओं की तरह इस सीट पर अपनी पार्टी की हार का सिलसिला खत्म करने का सपना देखा था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि उनकी जीत इतनी शानदार होगी। रामवीर सिंह ने इस उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1.44 लाख वोट से परास्त किया।

सिंह ने उपचुनाव में जिस कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र को जीता वह सीट भाजपा 1993 से हारती आ रही थी। भाजपा नेता सिंह ने समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रिजवान को हराया, जिन्हें 25,580 वोट मिले।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, रामवीर सिंह (भाजपा) को 1,70,371 वोट मिले, जबकि सपा के मोहम्मद रिजवान 25,580 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे।

सिंह की जीत इसलिए और महत्वपूर्ण हो गई क्योंकि यह जीत एक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में मिली जहां लगभग 60 प्रतिशत मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ”राष्ट्रवाद” की जीत करार दिया।

सिंह ने दावा किया कि जब सीट खाली हुई, तो सैकड़ों मुसलमानों ने उनसे संपर्क किया और उनसे उपचुनाव लड़ने का आग्रह किया।

कुंदरकी में उपचुनाव की जरूरत इस साल की शुरुआत में इससे विधायक रहे, सपा के जियाउर रहमान बर्क के संभल संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद पड़ी।

रामवीर सिंह ने बताया कि ‘मुझे 50,000 से 60,000 के अंतर से जीत की उम्मीद थी, लेकिन कार्यकर्ताओं ने मुझे बताया कि मैं एक लाख से अधिक वोट से जीतूंगा। लोगों में मेरे प्रति प्रेम की भावना थी। वे सपा से निराश थे, क्योंकि 2012 से 2017 तक सपा शासन के दौरान लाखों लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और उनमें से हजारों को जेल में डाल दिया गया।’

उन्होंने कहा कि ”जब सीट खाली हुई, तो सैकड़ों मुसलमान मेरे पास आए और मुझसे टिकट मांगने के लिए कहा और भरोसा दिया कि ‘हम आपको विधायक बनाएंगे, हमने अपना मन बना लिया है’ ।’’

सिंह ने कहा कि ”चूंकि उन लोगों ने अनुरोध किया तो मैं सक्रिय रहा तो पार्टी नेतृत्व ने भी लोगों की आवाज सुनी।”

चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले रिजवान को लेकर सिंह ने कहा कि वह अपनी विफलता को छिपा रहे हैं। सिंह ने कहा, ‘वह एक बार फिर चुनाव करवा सकते हैं। उन्हें पता चल जाएगा कि उनकी क्या कीमत है।’

शनिवार को जब नतीजे घोषित किए गए तो रिजवान ने ‘बूथ कैप्चरिंग’ का आरोप लगाते हुए जनादेश को चुनौती दी। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह समाजवादी की हार नहीं है…लोगों को यहां वोट नहीं देने दिया गया और बूथ लूट लिए गए।’’

रिजवान 2002, 2012 और 2017 में कुंदरकी के विधायक रह चुके हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की मुस्लिम बहुल यह सीट भाजपा की हिंदू एकता की परीक्षा थी। उपचुनावों में पार्टी का अभियान मुख्य रूप से विपक्षी समाजवादी पार्टी के ओबीसी-दलित-मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने के प्रयास के खिलाफ ‘राम और राष्ट्र’ के इर्द-गिर्द घूमता रहा।

यह जीत भाजपा के लिए मरहम की तरह है, जिसे साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में सीट के मामले में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था।

राज्य की नौ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में छह पर भाजपा ने जीत दर्ज की। भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने मीरापुर सीट पर जीत दर्ज की और बाकी दो सीट करहल और सीसामऊ पर समाजवादी पार्टी विजयी हुई।

भाषा अरुणव आनन्‍द अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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