नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शुक्रवार को कोविड-19 मामलों में कमी के मद्देनजर निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों की भौतिक उपस्थिति के साथ कार्य करने की अनुमति दे दी, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित किया कि सप्ताहांत कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां जैसे कि दुकानों को खोलने के लिए सम-विषम व्यवस्था का नियम जारी रहेगा।
दिल्ली सरकार ने सप्ताहांत कर्फ्यू हटाने, दुकानों को खोलने के लिए सम-विषम व्यवस्था को समाप्त करने और शहर में निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित करने की अनुमति देने का शुक्रवार को प्रस्ताव रखा लेकिन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति बेहतर होने तक पाबंदियों पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए।
उपराज्यपाल कार्यालय ने हालांकि निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या के साथ काम करने की अनुमति देने संबंधी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
हालांकि, डीडीएमए ने निजी कार्यालयों को सलाह दी कि जहां तक संभव हो घर से काम करने की प्रथा का पालन करें और कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जाये।
डीडीएमए के अपने आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सप्ताहांत कर्फ्यू, दुकानें खोलने के लिए सम-विषम नियम सहित अन्य पाबंदिया अगले आदेश तक लागू रहेंगी।
शहर के कई हिस्सों में कारोबारियों ने सम-विषम व्यवस्था के आधार पर वैकल्पिक दिनों में गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है।
इससे पहले दिन में, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पाबंदियों में छूट देने का निर्णय शहर में कोविड मामलों की घटती संख्या को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर किया गया है कि जनता की आजीविका प्रभावित न हो।
सिसोदिया ने यहां ऑनलाइन तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अब चूंकि मामले कम हो रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जनता की आजीविका सुचारू रूप से चलती रहे। हमने सप्ताहांत के कर्फ्यू को हटाने और बाजारों में दुकानें खोलने की सम-विषम व्यवस्था को भी हटाने का प्रस्ताव रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ निजी कार्यालयों को कामकाज की अनुमति देने का भी प्रस्ताव रखा है। इन सभी बदलावों को उपराज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी दिये जाने के बाद लागू किया जाएगा।’’
कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर लगाया गया सप्ताहांत कर्फ्यू शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह पांच बजे तक लागू है।
अगर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को अनुमति देते हैं, तो इस कर्फ्यू को खत्म कर दिया जाएगा।
डीडीएमए ने एक जनवरी को शहर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर सप्ताहांत में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया था।
गैर-जरूरी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार रात से सप्ताहांत कर्फ्यू शुरू हो जाता है। कार्य दिवसों के दौरान रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू पहले से ही लागू है। डीडीएमए ने गैर-आवश्यक सेवाओं से जुड़े सभी निजी कार्यालयों को बंद करने सहित अन्य प्रतिबंध भी लगाए थे। पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों की दैनिक संख्या और संक्रमण दर में कमी देखी गई है।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘ये प्रतिबंध तब लगाए गए थे जब मामले अधिक थे। गत 12 जनवरी को कोविड मामलों की संख्या 28,000 से अधिक थी और संक्रमण दर भी लगभग 31 प्रतिशत थी, लेकिन अब मामले 10,500 के आसपास हैं और संक्रमण दर लगभग 17 प्रतिशत है।’’
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 से होने वाला खतरा कम हो गया है और स्थिति ”पूरी तरह नियंत्रण में” है।
उन्होंने कहा कि एक दिन पहले दिल्ली में जान गंवाने वाले 43 लोगों में से केवल तीन की मौत का प्राथमिक कारण कोरोना वायरस संक्रमण था।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के 12,306 नए मामले आए थे तथा 43 लोगों की मौत हो गई, जबकि संक्रमण दर घटकर 21.48 प्रतिशत हो गई थ्री।
शहर में 13 जनवरी को 28,867 नए मामलों के साथ संक्रमण दर 29.21 प्रतिशत थी, जो महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सबसे अधिक थी। इसके बाद शुक्रवार को मामलों की संख्या घटकर 24,383 हो गई, शनिवार को 20,718, रविवार को 18,286, सोमवार को 12,527 और पिछले सप्ताह मंगलवार को 11,684 रह गई।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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