नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण अभियान को मध्यप्रदेश में मिशन के रूप में लागू किया गया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वर्षा जल का संचयन और पुराने जल स्त्रोतों का पुनर्जीवन है.
इसी अभियान के अंतर्गत केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे जल संचय, जन भागीदारी अभियान में खंडवा जिले ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है. वहीं, राज्य स्तर पर मध्यप्रदेश को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है.
राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी एवं मनरेगा आयुक्त अवि प्रसाद ने बताया कि खंडवा में मनरेगा, वित्त पोषण, सीएसआर और जनसहयोग से 1.29 लाख से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण व पंजीकरण किया गया. इनमें कूप रिचार्ज पिट, डगवेल, बोल्डर चेकडेम, अमृत सरोवर, रूफवाटर हार्वेस्टिंग, हैंडपंप रिचार्ज व खेत तालाब शामिल हैं.
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग के अनुसार तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने भी जल संरक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.
अब केंद्र सरकार द्वारा खंडवा जिले के कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा, जिसके बाद पुरस्कार की घोषणा की जाएगी.
इस अभियान का मूल मंत्र है — “जहां गिरे, जब गिरे, वर्षा का जल संचित करें.” इसका उद्देश्य वैज्ञानिक व सामुदायिक तरीकों से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना और समाज को जल संकट से निपटने में भागीदार बनाना है.
यह भी पढ़ें: इंटरवल या एंड क्रेडिट्स? कमल हासन ने फिलहाल मुख्यमंत्री बनने का सपना क्यों छोड़ा