पत्तनमथिट्टा (केरल), चार अक्टूबर (भाषा) भारतीय सेना के जवान थॉमस चेरियन की एक हवाई दुर्घटना में मौत के 56 साल के बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ शुक्रवार दोपहर जिले के एक गिरिजाघर के प्रांगण में विशेष तौर पर तैयार कब्र में दफनाया गया।
इससे पहले दिन में सैन्य कर्मी पूरे सम्मान के साथ अवशेष लेकर उनके पैतृक आवास एनलतूर गांव पहुंचे। शव पहुंचने के बाद पादरी ने धार्मिक अनुष्ठान किया और पुलिस ने सलामी दी। इसके बाद अवशेष को करुर स्थित सेंट पीटर ऑर्थोडॉक्स चर्च ले जाया गया।
थॉमस को मौत के 56 साल बाद अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए एलनतूर और आसपास के सैकड़ों लोग जमा हुए।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज, पत्तनमतिट्टा के सांसद एंटो एंटनी, विभिन्न दलों के नेता, सेना एवं प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे।
सेना अंतिम विदाई के लिए ले जाने से पहले अवशेष को पूर्ण सैन्य सम्मान दिया।
सेना ने बताया कि भारतीय वायुसेना के एक एएन-12 विमान के हिमाचल प्रदेश के रोहताग दर्रा के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल से भी अधिक समय बाद, चेरियन सहित चार अवशेष बरामद किये थे।
थॉमस चेरियन का अवशेष बृहस्पतिवार को तिरुवनंतपुरम स्थित वायुसेना स्टेशन षणमुघम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ प्राप्त किया गया और पैंगोडे सैन्य ठिकाने पर रखा गया। ताबूत शुक्रवार की सुबह उनके पैतृक गांव ले जाया गया।
दो इंजन वाला परिवहन विमान सात फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने के बाद, लापता हो गया था। उसमें 102 लोग सवार थे और सभी लापता हो गये थे। दशकों तक विमान का मलबा और शवों के अवशेष बर्फीले क्षेत्र में दबे पड़े रहे।
भाषा धीरज माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.