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Sunday, 28 April, 2024
होमदेशकेरल में मानव बलि मामला- सेक्स और हैवानियत के अजीबोगरीब जाल ने एक गांव को झकझोर कर रख दिया

केरल में मानव बलि मामला- सेक्स और हैवानियत के अजीबोगरीब जाल ने एक गांव को झकझोर कर रख दिया

दो महिलाओं को प्रताड़ित करने और कथित तौर पर उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीनों संदिग्धों ने 'उनके शरीर के कुछ हिस्सों को पकाकर खाया था.' अवशेषों को पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया गया है.

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कोच्चि: केरल में एक कथित मानव बलि के लिए जिन दो महिलाओं की हत्या की गई थी, हत्यारे ने पहले उनके शरीर के टुकड़े किए थे और फिर कुछ हिस्सों को ‘तल कर खाया था’. जांच से जुड़े पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को यह जानकारी दी.

दोनों हत्याएं केरल के एलंथूर गांव में तीन महीने के अंतराल में हुईं. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्धों – मोहम्मद शफी, भगवल सिंह और सिंह की पत्नी लैला- ने दो महिलाओं को ‘प्रताड़ित किया और फिर उनकी हत्या’ कर दी. उसके बाद पीड़ितों के अवशेषों को घर के पीछे वाले आंगन में दफना दिया.

संदिग्धों की रिमांड की मांग वाली एक रिपोर्ट के अनुसार, पहली पीड़िता रोज़ली को बेड से बांधा और गला घोट कर उसकी हत्या कर दी और उसके धड़ को सिर से अलग कर दिया गया. फिर तीनों ने मिलकर उसके शरीर के टुकड़े कर दिए. रिपोर्ट की एक प्रति दिप्रिंट के पास भी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शफी ने कथित तौर पर सिंह से रोजली की योनि कटवाकर उसे भूनकर खाया था.

पद्मा की सितंबर में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी.

पुलिस ने कहा कि बलि देने का अनुष्ठान 52 वर्षीय शफी के आदेश पर किया गया था, जो गुप्त शक्तियों होने का दावा करता था.

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पुलिस के अनुसार, तीनों संदिग्ध ‘अजीबोगरीब सेक्सुअल’ व्यवहार किया करते थे, जिसमें लैला का अपने पति के सामने शफी के साथ अनुष्ठानिक सेक्स करना शामिल था. जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एक रस्म में सिंह को शफी का सीमन तक खिलाया गया था.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार, शफी एक हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ बलात्कार और हत्या के प्रयास सहित लगभग 10 मामले दर्ज हैं. 2020 में उसने कोच्चि में एक 75 साल की महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया और उसके शरीर को बुरी तरह से विकृत कर दिया था. लेकिन फिर भी उसे जमानत दे दी गई. 68 साल का सिंह और 59 साल की लैला एलंथूर में रहते हैं. 2019 में फेसबुक के जरिए वो दोनों शफी के संपर्क में आए थे.

शफी ने ‘श्रीदेवी’ के एक फर्जी नाम से फेसबुक प्रोफाइल बना रखी थी. उसने सिंह को आश्वस्त किया कि ‘रशीद’ नामक एक काला जादू करने वाला शख्स निश्चित रूप से उनकी आर्थिक परेशानियों को दूर करने में उसकी मदद कर सकता है. जोड़े से मिलने के बाद शफी ने अपने आपको राशिद बताया था.

पुलिस अभी भी इस दंपत्ति की आर्थिक परेशानियों की पड़ताल करने में लगी है कि ऐसा कुछ हैं भी या नहीं.

इसके बाद शफी ने इस जोड़े से मुलाकात की और उनसे दोस्ती कर ली. उसने उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी भलाई के लिए मानव बलि जरूरी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार लैला और शफी ने यौन संबंध भी बनाए थे.

शफी ने रोजली और पद्मा को ज्यादा पैसे देने का लालच दिया और उन्हें फुसलाकर कोच्चि से दूर एलंथूर में सिंह और लैला के घर ले गया. और वहां उनकी हत्या कर दी गई. उनकी बलि चढ़ाई और रशीद, जिसे वह ‘दिव्य’ मानते थे और जिसे तृप्त किया जाना था, के सामने पेश किया. पुलिस ने बताया कि उसका मकसद ‘पूरी तरह से स्वाभाविक यौन आचरण’ था.

कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त सी.एच. नागराजू ने कहा, ‘आरोपी हमें हजारों कहानियां सुना रहे हैं. जब तक हमारे पास सबूत नहीं आ जाते, हम उनकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं.’

आरोपियों को बुधवार सुबह न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. और गुरुवार को उनके घर पर सबूत इकट्ठा करने के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया. पीड़ितों के शवों को कोट्टायम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमॉर्टम और डीएनए परीक्षण के लिए भेज दिया गया है.

मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इन दो महिलाओं के अलावा कोई अन्य भी पीड़ित था.


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‘दोनों पीड़िता कोच्चि में शफी रेस्तरां में गईं थीं’

केरल के शांत और छोटे से शहर एलंथूर को अब तक मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब हत्याओं को लेकर यह चर्चा में है.

अब सारा एलंथूर जुर्म के साए में बंधा हुआ है और सांस रोके जांच को होते देख रहा है. अपराध वाली जगह की घुमावदार सड़क कारों से अटी पड़ी है. लोग उत्सुकता से ‘मर्डर हाउस’ के बाहर घूम रहे हैं और  अपराध की घिनौने विवरणों को अपने-अपने तरीके से पेश करने में लगे हैं.

Locals have been dropping by at the crime scene ever since the arrests were made | Credit: Vandana Menon, ThePrint
गिरफ्तारी के बाद से ही स्थानीय लोग घटनास्थल पर आ रहे हैं | वंदना मेनन/ दिप्रिंट

पुलिस के मुताबिक रोजली और पद्मा की हत्या की साजिश के पीछे शफी ही मास्टरमाइंड था.

रोजली जून में एर्नाकुलम के कलाडी से लापता हो गई थी. पद्मा के लापता होने का मामला 27 सितंबर को दर्ज किया गया था और इसी जांच ने पुलिस को शफी और आखिर में सिंह और लैला तक पहुंचाया. पुलिस ने कहा कि रोजली और पद्मा दोनों कथित तौर पर कडवंथरा, कोच्चि में चल रहे शफी रेस्टोरेंट में गईं थी. दोनों रेलवे स्टेशन पर ‘लॉटरी टिकट बेचने’ या फिर कुछ इसी तरह के अन्य काम करती थीं.

रोजली की बेटी मंजू वर्गीज ने अपना डीएनए सैंपल पुलिस को दे दिया है. मंजू ने ही सबसे पहले पुलिस में अगस्त में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी मां जुलाई से लापता है. उसे अपनी मां की हत्या के बारे में मीडिया से पता चला.

वर्गीस ने दिप्रिंट को बताया, ‘वह आयुर्वेद उत्पाद बेचती थी. मुझे नहीं पता कि उनके लॉटरी टिकट बेचने की खबर कहां से निकल कर आई है, वह शफी से कैसे मिली! मुझे कुछ भी मालूम नहीं है. मेरे पास भी पुलिस के लिए बहुत सारे सवाल हैं. लेकिन वे कहते हैं कि अभी जांच चल रही है.’

तीन महीने बाद तीनों ने दूसरी हत्या की. जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दफनाने से पहले पद्मा के शरीर को ‘56 टुकड़े’ किए गए थे. कथित तौर पर उसके स्तन काट दिए गए. उसके लीवर और स्तन को तल कर खाया गया था. उसकी जांघ का एक टुकड़ा कुछ दिनों के लिए फ्रिज में रखा गया, फिर हत्यारों ने उसे दफनाने का फैसला किया. मंगलवार को जमीन से खोदकर मृतकों के अवशेष निकाले गए.


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पड़ोसी, स्थानीय लोग हैरान

काला जादू और अजीबोगरीब अपराध केरल के लिए कोई नई बात नहीं है. 2018 में थोडुपुझा का मामला सामने आया था और 2019 में कोल्लम मामला. तो वहीं कूडाथायी सीरियल मर्डर को कोई नहीं भूला होगा, जिसमें 2002 और 2016 के बीच एक ही परिवार के सभी छह सदस्यों की मृत्यु हो गई थी. इसके अलावा 2014 में ‘भूत-प्रेत भगाने’ के चक्कर में दो युवतियों की मौत की घटना ने भी सभी को झकझोर कर रख दिया था.

सिंह और लैला दिखने में ‘सामान्य’ लगते थे. उनके पड़ोसियों ने बताया कि लैला शांत थी और ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखती थी. लेकिन जब भी किसी से मिलती तो आमतौर पर उसका व्यवहार अच्छा होता था. सिंह लोगों से मिलते-जुलते रहते थे. एक असामान्य उपनाम ‘मलयाली’ के साथ सिंह और उसके घर को लोग पहचानते थे. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ वह एक कवि भी थे और अपने फेसबुक पेज पर हाइकु पोस्ट करते रहते थे.

पड़ोसी अभी भी क्षेत्र में फैली अफवाहों और खबरों को खंगाल रहे हैं. कई स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवल सिंह को शफी और लैला ने फंसाया है.

गिरफ्तारी के बाद से ही स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. वहां खड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘मैंने तो ऐसा होने की कभी कल्पना तक नहीं की थी. न सपने में और न ही कभी किसी फिल्म में ऐसे होते हुए देखा है.’

दंपति के पड़ोसी जोस थॉमस ने बताया कि जब पुलिस रविवार को सिंह के घर पहुंची तो उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ है. 11 अक्टूबर को उनकी गिरफ्तारी होने के बाद ही वास्तविक घटना के बारे में उन्हें पता चला.

थॉमस और उनकी पत्नी ने पत्रकारों, पुलिस और घटना को जानने के उत्सुक लोगों के लिए अपना घर के दरवाजे खोले हुए हैं. वह उन्हें कॉफी और टैंग परोस रहे हैं.

वे दोनों कहते हैं कि उन्होंने अपने पड़ोसियों के बारे में कभी भी कुछ भी असामान्य नहीं लगा और कभी कोई ‘अजीब आवाज़ या गंध’ आई हो, ऐसा भी उन्हें याद नहीं है. जब शवों को निकाला जा रहा था तभी उन्हें बदबू का अहसास हुआ था.

एक अन्य पड़ोसी टिंकू वर्गीस, जो एक कैटरिंग व्यवसाय चलाते हैं, स्थानीय मीडिया के लिए एक लाइव प्रसारण पर आने के लिए थॉमस के घर पर आए हुए थे. उन्होंने कहा कि लोग अब उनसे ऑर्डर लेने से डरते हैं क्योंकि वह सिंह और लैला के घर के काफी करीब रहते हैं.

टिंकू ने बुझी हुई आवाज में कहा, ‘मुझे नहीं पता कि वे क्यों डरे हुए हैं. मैं निश्चित रूप से लीवर फ्राई तो नहीं परोसूंगा.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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