कोच्चि, 19 मई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लिए राज्यपाल द्वारा की गई कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति वैध नहीं थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि नियुक्ति में कानून द्वारा निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
यह मामला राज्य सरकार द्वारा दायर किया गया था, जिसमें 27 नवंबर, 2024 को कुलाधिपति (केरल के राज्यपाल) द्वारा जारी एक अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। इस अधिसूचना में डॉ. के. शिवप्रसाद को विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 13(7) के तहत राज्यपाल राज्य सरकार की सिफारिश के बिना किसी को कुलपति नियुक्त नहीं कर सकते। चूंकि, शिवप्रसाद का नाम सरकार ने नहीं सुझाया था, इसलिए अदालत ने नियुक्ति को अवैध करार दिया।
हालांकि, अदालत ने शिवप्रसाद को तत्काल नहीं हटाया, क्योंकि उनका कार्यकाल 27 मई, 2025 को समाप्त हो रहा है।
अदालत ने सरकार से कहा कि वह जल्द से जल्द नामों की नई सूची राज्यपाल को भेजे।
भाषा
शफीक संतोष
संतोष
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