कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने राजनयिक माध्यमों से सोने की तस्करी के सनसनीखेज मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के मामले में स्वप्ना सुरेश को मंगलवार को जमानत दे दी.
न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति सी जयाचंद्रन की पीठ ने सुरेश के साथ् ही इस मामले में अन्य आरोपी मोहम्मद शफी पी, जलाल ए एम, राबिन्स हमीद, रमीस के टी, शराफुद्दीन के टी, सरीथ पी एस और मोहम्मद अली को भी जमानत दी.
मामले में सुरेश का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता सूरज टी इलंजीकल ने कहा कि एनआईए मामले में जमानत मिलने के साथ ही वह न्यायिक हिरासत से बाहर आ सकती हैं क्योंकि कॉफेपोसा (विदेशी मुद्रा का संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम) के तहत एहतियातन हिरासत को हाल ही में उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था.
उन्होंने कहा कि सोने की तस्करी मामले के अन्य आरोपियों के संबंध में संभवत: यह लागू नहीं हो. विस्तृत आदेश फिलहाल उपलब्ध नहीं हो सका है.
एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीमा शुल्क ने पांच जुलाई, 2020 को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान से 15 करोड़ रुपये के सोने की जब्ती के साथ तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद उसकी अलग-अलग जांच की.
मामले के सिलसिले में केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर, यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी, सुरेश और सरीथ पी एस को गिरफ्तार किया गया था.
एनआईए ने इससे पहले, उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए, उच्च न्यायालय को बताया था कि सुरेश और अन्य ने नवंबर 2019 से जून 2020 के बीच यूएई से भारत में 167 किलोग्राम सोने की तस्करी कर एक आतंकवादी कार्य किया क्योंकि वे जानते थे कि ऐसा करने से देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को खतरा होगा.
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