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Saturday, 20 April, 2024
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नफरत भरे भाषण के मामले में केरल की अदालत ने पी सी जार्ज की जमानत रद्द की

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तिरुवनंतपुरम, 25 मई (भाषा) केरल की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मुसलमानों के विरूद्ध नफरत भरे भाषण देने के मामले में वरिष्ठ नेता पी सी जार्ज को मिली जमानत बुधवार को रद्द कर दी। जार्ज ने 29 अप्रैल को यह भाषण दिया था।

अदालत ने जार्ज को एक मई को मिली राहत को रद्द करने की पुलिस की अर्जी मंजूर कर ली। पुलिस ने दलील दी थी कि जार्ज ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया इसलिए उनकी जमानत रद्द करने के लायक है।

अदालत ने पुलिस की अर्जी पर जार्ज के वकील अजीत कुमार की राय जाननी चाही। कुमार ने कहा कि उनके मुवक्किल को नफरत भरे भाषण के एक अन्य मामले में एर्नाकुलम जिले के पोलरिवत्तोम थाने में पेश होने को कहा गया ।

बाद में जब जार्ज थाने पहुंचे तब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कार्यकर्ताओं ने उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। टीवी चैनलों ने यह घटना प्रसारित की।

शीघ्र ही वहां से पीडीपी कार्यकर्ताओं का वहां से हटाया गया। तभी बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के सुरेंद्रन एवं त्रिक्कारा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी ए एन राधाकृष्णन वहां पहुंच गये।

सुरेंद्रन ने कहा कि जार्ज के विरूद्ध कार्रवाई वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के दोहरे मापदंड का संकेत देता है क्योंकि उसने कुछ उन अन्य लोगों के विरूद्ध कोई कदम नहीं उठाया जिसने सार्वजनिक रूप से सांप्रदायिक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जार्ज का समर्थन करेगी।

पोलरिवत्तोम थाने में कुछ समय तक पूछताछ के बाद जार्ज अपने बेटे तथा सुरेंद्रन एवं अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बाहर आये। टीवी चैनलों पर यह नजर आया।

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार उसके बाद जार्ज को एर्नाकुलम ए आर कैंप ले जाया गया जहां वह तिरुवनंतपुरम से एक पुलिस दल के आने का इंतजार कर रहे हैं।

जार्ज को केरल उच्च न्यायालय ने पोलारिवत्तोम थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तारी से अंतिम राहत प्रदान की थी।

जब अदालत ने कुमार से पूछा कि क्या उनके मुवक्किल अपनी जमानत को रद्द करने के विरूद्ध अपील करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह पहले कानून का पालन करेंगे एवं तब यह तय करेंगे कि आगे क्या करना है।

पुलिस ने यह आरोप लगाते हुए जार्ज की जमानत रद्द करने की मांग की थी कि राहत मिलने के शीघ्र बाद ही जार्ज ने न्यायिक अधिकारी क्वाटर्स के सामने मीडिया को संबोधित किया एवं कहा कि उन्होंने अपने भाषण में जो कुछ कहा है , उसपर अब भी वह कायम हैं। पुलिस ने कहा कि जार्ज द्वारा अपनी बात को सही ठहराना अपराध को दोहराना एवं सांप्रदायिक नफरत को और आगे बढ़ाना है।

पुलिस ने कहा था कि मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत देते हुए निर्देश दिया था कि आरोपी ऐसा कोई विवादित बयान नहीं देंगे जिससे दूसरों की धार्मिक भावनाएं आहत हों।

पुलिस ने जार्ज (70)के विरूद्ध 29 अप्रैल को ‘अनंतपुरी हिंदू महासम्मेलनम’ में मुसलमानों के विरूद्ध कथित रूप से सांप्रदायिक भाषण देने को लेकर फोर्ट थाने में भादसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद उन्हें एक मई को गिरफ्तार किया था।

पूर्व विधायक जार्ज ने गैर मुसलमानों से मुसलमानों के रेस्तराओं में खाना-पीना बंद करने का आह्वान कर विवाद को जन्म दिया था। उनके विरूद्ध बाद में 10 मई को नफरत भरे भाषण को लेकर एक अन्य मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने एनार्कुलम जिले के वेन्नाला में एक मंदिर के उत्सव के दौरान अपने भाषण कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

भाषा राजकुमार उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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