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Sunday, 28 April, 2024
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केरल पुलिस ने ‘दुश्मनी को बढ़ाने’ वाली टिप्पणी के लिए केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज़ की FIR

केरल पुलिस ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ ‘दंगा भड़काने, समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने करने और उपद्रव पैदा करने’ के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.

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नई दिल्ली: केरल में पुलिस ने कलामासेरी में यहोवा सम्मेलन में दो विस्फोटों के बाद अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और अशांति फैलाने के इरादे रखने के आरोप में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ की है.

दिप्रिंट ने एर्नाकुलम में साइबर सेल से जुड़े एक सब-इंस्पेक्टर की शिकायत पर मंगलवार तड़के दर्ज़ की गई एफआईआर की एक प्रति देखी है.

एफआईआर में लगाई गई धाराओं में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काना) और 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) शामिल है और इसके अलावा केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) भी शामिल है, जो उपद्रव पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था उल्लंघन से संबंधित है.

एर्नाकुलम सेंट्रल थाने में दर्ज़ एफआईआर के मुताबिक, “29.10.2023 को एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी में बम विस्फोट के मद्देनज़र, आरोपी राजीव चन्द्रशेखर ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और अशांति पैदा करने के इरादे से 29.10.2023 से अपने फेसबुक पेज पर भड़काऊ बयान पोस्ट किए. उन्होंने केरल में धार्मिक समूहों के बीच अशांति पैदा करने और शांति भंग करने के लिए दंगे भड़काने के प्रयास में सोशल मीडिया पर “फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास” और अन्य उत्तेजक बयानों के बारे में वीडियो और टेक्स्ट संदेश पोस्ट किए.”

चंद्रशेखर ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर केरल सरकार और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला करने के लिए एक्स (पूर्व में ट्विटर) का सहारा लिया.

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उन्होंने लिखा, “तो दोनों INDI गठबंधन सहयोगियों राहुल गांधी और पिनाराई विजयन ने मिलकर मेरे खिलाफ “मामला” दायर किया है. भारतीय राजनीति के दो सबसे बड़े तुष्टीकरणकर्ता, जो बेशर्मी से एसडीपीआई, पीएफआई और हमास जैसे जहरीले कट्टरपंथी हिंसक संगठनों का तुष्टिकरण करते हैं, जिनकी राजनीति ने दशकों से जम्मू-कश्मीर से पंजाब और केरल तक कट्टरपंथ पैदा किया है और कई निर्दोष लोगों और सुरक्षा बलों की जान गंवाई है — धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे लिखा, “हमास के प्रति उनके तुष्टिकरण को उजागर करने के लिए मेरे पास एक मामला है.”

यह घटनाक्रम एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी में एक कन्वेंशन सेंटर में कम तीव्रता वाले दो विस्फोटों के दो दिन बाद हुआ है, जिसमें एक नाबालिग सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी.

चन्द्रशेखर ने सोमवार को कोच्चि के एक अस्पताल में विस्फोट पीड़ितों से मुलाकात की थी. यात्रा के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ हमला बोला और आरोप लगाया कि केरल सरकार कट्टरपंथी तत्वों और कट्टरपंथ के प्रति सहिष्णु है.

उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला किया और कहा कि वाम दलों और कांग्रेस दोनों का केरल में कट्टरपंथी तत्वों को खुश करने का इतिहास रहा है.

चंद्रशेखर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सीएम पिनाराई विजयन के तहत, केरल ने कट्टरपंथी तत्वों और कट्टरपंथ के प्रति बढ़ती सहिष्णुता दिखाई है. चाहे वह कोझिकोड में एक ट्रेन को जलाने की कोशिश हो, जिसमें अगर सफलता मिलती तो, 200-300 से अधिक लोगों की मौत हो जाती और उस व्यक्ति को मानसिक रूप से बीमार बताया गया, जब तक कि यह खुलासा नहीं हो गया कि वह आईएसआईएस का समर्थक था और वह था आतंकवाद का एक जानबूझकर किया गया प्रयास. केरल में कांग्रेस और वाम दलों दोनों द्वारा कट्टरपंथी तत्वों के तुष्टिकरण का इतिहास रहा है.”

उन्होंने हमास के पूर्व नेता खालिद मशाल द्वारा 27 अक्टूबर को फिलिस्तीन समर्थक सभा को वर्चुअली संबोधित करने को लेकर केरल सरकार पर हमला करने के लिए भी एक्स का सहारा लिया.

चंद्रशेखर ने एक्स पर लिखा, “भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक बदनाम सीएम (और एचएम) पिनाराई विजन द्वारा गंदी, बेशर्म, तुष्टिकरण की राजनीति. दिल्ली में बैठकर इज़रायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जबकि केरल में आतंकवादी हमास द्वारा जिहाद के खुले आह्वान के कारण निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम विस्फोट हो रहे हैं.”

केरल के सीएम विजयन ने सोमवार को बिना चंद्रशेखर का नाम लिए अपनी सरकार पर लगे आरोपों का जवाब दिया.

उन्होंने कहा, “जो लोग ज़हरीले हैं वे ज़हर उगलते रहेंगे…एक केंद्रीय मंत्री ने बयान दिया कि मैं तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा हूं और इज़रायल के खिलाफ विरोध कर रहा हूं…वे एक मंत्री हैं और उन्हें जांच एजेंसियों को कुछ न्यूनतम सम्मान देना चाहिए, जांच चल रही है…इतनी गंभीर घटना में इतने शुरुआती चरण में, वे कुछ लोगों को निशाना बनाकर ऐसे बयान दे रहे हैं.”

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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