नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने एक जनवरी से 19 जनवरी तक कड़ाके की ठंड के कारण राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 106 बेघर लोगों की मौत होने का दावा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि सर्दियों में बेघरों के लिए पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।
एनजीओ ‘सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डेवल्पमेंट’ (सीएचडी) ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बेघरों की संख्या दिल्ली में मौजूद आश्रय गृहों की क्षमता से कहीं अधिक है।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) की नवीनतम ‘शेल्टर होम्स ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट’ के अनुसार, दिल्ली में आश्रय गृहों की कुल क्षमता 19,964 थी, जिसे कोविड-19 वैश्विक महामारी की शुरुआत के बाद संशोधित करके 9,330 कर दिया गया।
उसने कहा कि इसके कारण बेघर लोग कड़ाके की ठंड में सड़कों पर रात बिताने को मजबूर है।
सीएचडी के संस्थापक सुनील कुमार अलेदिया ने कहा, ‘‘हम बेघरों के लिए बिस्तरों और उनके रहने का प्रबंध कर रहे हैं। हम उन्हें निकटवर्ती रैन बसेरों में लेकर जाते हैं।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग जैसे सरकारी विभागों को बेघर लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए डीयूएसआईबी के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
दिल्ली स्थित एक अन्य एनजीओ ‘विशेज एवं ब्लेसिंग्स’ वंचितों को सर्दियों में आवश्यक चीजें उपलब्ध कराने में योगदान दे रहा है। उसने पिछले सात वर्ष में 20,000 से अधिक बेघर और वंचित लोगों को शॉल, कंबल, जैकेट/स्वेटर, दस्ताने और मफलर, मोजे और भोजन मुहैया कराए हैं।
‘विशेज एंड ब्लेसिंग’ की संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ गीतांजलि चोपड़ा ने कहा, ‘मैं लाभार्थियों के चेहरों पर मुस्कान देखकर हमेशा अभिभूत हो जाती हूं। हम सभी के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम मनुष्य होने के तहत उन लोगों की मदद करें, जो सर्दी में आवश्यक वस्तुएं हासिल नहीं कर पाते।’’
भाषा सिम्मी शाहिद
शाहिद
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