नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन को एक सच्चा ‘‘कर्मयोगी’’ बताया और कहा कि उनके निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति हुई है।
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का मसौदा तैयार करने में अहम योगदान देने वाले डॉ. के. कस्तूरीरंगन का शुक्रवार सुबह बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया।
प्रधान ने कहा, ‘‘पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी के निधन से मैं काफी दुखी हूं। उनका निधन न केवल वैश्विक वैज्ञानिक और शैक्षणिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है, बल्कि मेरे लिए यह एक बड़ी व्यक्तिगत क्षति है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे लिए, वह एक मार्गदर्शक से कहीं अधिक थे – वह एक मार्गदर्शक, पथ प्रदर्शक तथा ज्ञान, करुणा और प्रेरणा का स्रोत थे। मैं खुद को असल में भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों तक उनका स्नेह, आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला।’’
मंत्री ने कहा कि कस्तूरीरंगन एक सच्चे ‘‘कर्मयोगी’’ थे। उन्होंने कहा कि वह केवल एक शानदार वैज्ञानिक या एक प्रतिष्ठित नीति निर्माता ही नहीं थे, बल्कि हर मायने में एक राष्ट्र निर्माता थे।
प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार, सहयोगियों और उन अनगिनत छात्रों, विद्वानों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं, जिनका जीवन उनसे समृद्ध हुआ।’’
कस्तूरीरंगन नौ साल से अधिक समय तक इसरो के प्रमुख रहे थे।
भाषा सुभाष सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.