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Wednesday, 3 September, 2025
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फंसे वाहनों के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग खुलने पर कश्मीरी फल उत्पादकों ने राहत की सांस ली

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(शेख सुहैल)

श्रीनगर, 30 अगस्त (भाषा) चार दिन बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के फिर से खुलने से कश्मीर के फल उत्पादकों ने राहत की सांस ली है।

अब वे 250 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर सामान्य यातायात के जल्द बहाल होने की उम्मीद कर रहे हैं, जो उनकी आजीविका की जीवनरेखा है।

यह सभी मौसमों में खुली रहने वाली सड़क कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है।

इस सप्ताह की शुरुआत में रिकॉर्ड बारिश के बाद उधमपुर जिले में कई भूस्खलन और 60 मीटर लंबे हिस्से के धंसने के कारण चार दिन तक बंद रहने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को शनिवार को केवल फंसे हुए वाहनों के लिए फिर से खोल दिया गया।

अधिकारियों के अनुसार, 26 अगस्त की बारिश के बाद राजमार्ग के दोनों ओर पर कई जगहों पर 2,000 से अधिक वाहन फंस गए थे। इस बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया और जम्मू क्षेत्र में मौत और विनाश का मंजर देखने को मिला।

पत्थरों के आधार को स्थिर होने में कुछ समय लगने के बाद, फंसे हुए वाहनों खासकर फलों से लदे ट्रकों, तेल टैंकरों और हल्के मोटर वाहनों सहित जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को ले जा रहे वाहनों को दोनों ओर से नियंत्रित रूप से आगे बढ़ने की अनुमति दी गई।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के रामबन परियोजना निदेशक शुभम ने कहा कि सामान्य यातायात के लिए राजमार्ग को जल्द से जल्द फिर से खोलने के प्रयास जारी हैं।

कश्मीर घाटी फल उत्पादक-सह-विक्रेता संघ के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने बताया कि राजमार्ग पर 700 से 800 फलों के ट्रक फंसे हुए हैं, जिनमें से प्रत्येक में पांच से नौ लाख रुपये मूल्य के फल हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ये ट्रक बागोगोशा नाशपाती, गलामस्त सेब और लाल घाला सेब जैसे फलों से लदे हुए थे, जो तापमान नियंत्रित न होने पर कुछ ही दिनों में खराब हो जाते हैं।

बशीर ने कहा कि कीमतें पहले से ही कम थीं तथा राजमार्ग बंद होने से उनकी चिंताएं और बढ़ गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर फल, लगभग 90 प्रतिशत, 10-16 टायर वाले भारी ट्रकों में ले जाए जाते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार मुगल रोड पर कम से कम 10 टायर वाले ट्रक को 24 घंटे चलने की अनुमति दे।’’

बशीर ने कहा कि 10 टायर वाले ट्रक फलों को दिल्ली तक ले जाते हैं, उससे आगे नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी उपज को दिल्ली से आगे ले जाने के लिए भारी ट्रकों की आवाजाही जरूरी है।’’

मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के फल उत्पादक अबरार अहमद ने कहा कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हमेशा से परिवहन संबंधी समस्या रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सितंबर के आखिरी हफ्ते में रेलवे की माल ढुलाई सेवा शुरू होने के बाद उपज को बाजार तक पहुंचाना आसान हो जाएगा।

भाषा संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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