बेलगावी (कर्नाटक), 24 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान पार्षद सी टी रवि पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाने वालीं कर्नाटक की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने उन्हें धर्मस्थल पर देवता को साक्षी मानते हुए सच बोलने की मंगलवार को चुनौती दी।
रवि ने हेब्बालकर के आरोप को ‘‘झूठा’’ करार देते हुए इसका खंडन किया है।
हेब्बालकर ने कहा, ‘‘मुझे भगवान के प्रति आस्था और विश्वास है। उन्होंने (रवि) कई बार कहा है कि उन्होंने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। कानून को एक तरफ रखिए, कानून अपना काम करेगा। यह कोई चुनौती नहीं है, मैं उनके जैसे व्यक्ति से जवाब की उम्मीद भी नहीं करती…वह लोगों, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
मंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सी टी रवि आप भगवान में विश्वास करते हैं? धर्मस्थल आपके गृहनगर के बहुत करीब है, राज्य भर के लोग मानते हैं कि धर्मस्थल और भगवान मंजूनाथ धर्म का दूसरा नाम हैं। भगवान मंजूनाथ के समक्ष सच बोलकर दिखाएं।’’
हेब्बालकर ने कहा, ‘‘आप (रवि) अपनी पत्नी के साथ वहां आएं। मैं भी अपने परिवार के साथ आऊंगी। आपने नैतिकता का सवाल उठाया है, अगर आपमें नैतिकता है तो वहां आएं।’’
रवि ने 19 दिसंबर को विधान परिषद में हेब्बालकर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था, जब सदन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। हेब्बालकर की शिकायत के बाद रवि को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया और बेलगावी में ‘सुवर्ण विधान सौध’ के परिसर से पुलिस वैन में ले जाया गया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर को अपने अंतरिम आदेश में रवि की तत्काल रिहाई का आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। हालांकि, पीठ ने रवि को जांच में सहयोग करने और पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश दिया।
दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रवती नदी के तट पर स्थित धर्मस्थल का इतिहास 800 साल पुराना है। यहां की किंवदंतियों के अनुसार, जो कोई भी भगवान मंजूनाथ के सामने झूठ बोलता है, उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
भाषा आशीष माधव
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