बेंगलुरु: चिकमंगलूरु जिले में स्थित गुरु दत्तात्रेय पीठ-बाबा बुदनगिरि दरगाह विवाद मामले से जुड़े एक महत्वपूर्ण आदेश में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें केवल एक मुजावर को स्वामी दत्तात्रेय को फूल चढ़ाने और ‘नंदा दीप’ प्रज्जवलित करने के लिए नियुक्त किया था। अदालत ने इस नियुक्ति को मुस्लिम आस्था के खिलाफ करार दिया.
उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार का यह आदेश दोनों समुदायों (हिंदू और मुस्लिम) को संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है.
न्यायमूर्ति पी एस दिनेश कुमार ने कहा कि सरकारी आदेश में एक केवल एक मुजावर को गुफा के गर्भगृह में प्रवेश करने और हिंदुओं एवं मुसलमानों दोनों को ‘तीर्थ’ (चरणामृत) वितरित करने की अनुमति दी गई है.
अदालत ने सरकार के आदेश के मद्देनजर इस बात का भी उल्लेख किया कि मुजावर को ही मूर्ति को फूल चढ़ाने और नंदा दीप जलाने की जिम्मेदारी दी गई है जोकि मुस्लिमों की आस्था के खिलाफ है क्योंकि मुसलमान मूर्ति पूजा नहीं करते हैं.