बेंगलुरु, पांच सितंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने अपने समर्थकों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कई आपराधिक मामलों को वापस लेने के फैसले का बचाव किया है।
वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शिवकुमार की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों के खिलाफ पथराव का मामला दर्ज किया गया था।
शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अलावा विभिन्न संगठनों के सदस्यों से जुड़े मामले वापस लिए हैं।
कर्नाटक के मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 60 मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी।
वापस लिए गए मामलों में चित्तपुर में 2019 में हुई पथराव की घटना और शिवकुमार के कथित समर्थकों के खिलाफ मामले शामिल हैं। यह मामले ईडी द्वारा शिवकुमार की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े हैं।
शिवकुमार ने सवाल किया, ‘‘ कई मामले वापस लिए गए हैं, हमने भाजपा के लोगों, कांग्रेस के लोगों के खिलाफ मामले वापस लिए हैं। जब मुझे ईडी ने गिरफ्तार किया तो भाजपा ने जानबूझकर हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कुछ मामले दर्ज किए। इससे पहले कोविड-19 महामारी के दौरान तत्कालीन भाजपा सरकार ने मेरे और मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया तथा हमारे कई नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। क्या हमें चुपचाप बैठना चाहिए? ’’
उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों, भाषा और न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दर्ज कई मामले वापस ले लिए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ यब अकेला मामला नहीं है, हमारी सरकार ने सैकड़ों मुकदमे वापस लिए हैं। सभी दलों के लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए गए हैं। हमने भाजपा के अनुरोध पर भी मामले वापस ले लिए हैं, यहां तक कि रायता संघ (किसान संगठन या निकाय) और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामले वापस लिए हैं।’’
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