नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बटला हाउस मुठभेड़ को याद करते हुए मंगलवार को कहा कि घटना के बाद वह और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल घटनास्थल पर गए थे लेकिन पुलिसकर्मियों ने सिब्बल के साथ ‘अजनबी’ जैसा व्यवहार किया।
शिक्षाविद मुजीबुर रहमान द्वारा लिखित पुस्तक ‘शिकवा-ए-हिंद’ के विमोचन के अवसर पर खुर्शीद ने यहां कहा कि 2008 में जब बटला हाउस मुठभेड़ हुई थी, तब वह सरकार का हिस्सा नहीं थे लेकिन उन्होंने सिब्बल को घटनास्थल पर जाने के लिए राजी किया। बटला हाउस मुठभेड़ हुई थी तब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार थी।
उन्होंने कहा, “जब बटला हाउस मुठभेड़ हुई तब मैं सरकार में नहीं था। कपिल सिब्बल सरकार में थे। मैं उनके पास गया और मैंने उन्हें बटला हाउस जाने के लिए राजी किया।”
खुर्शीद ने कहा कि सिब्बल राजी हो गए लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि उन्हें घटनास्थल पर न जाने की सलाह दी जा रही है।
उन्होंने कहा, “बटला हाउस के लिए रवाना होने से ठीक पहले मुझे उनसे (सिब्बल) संदेश मिला कि उन्हें वहां न जाने की सलाह दी जा रही है। और मैंने कहा कि नहीं आपने मुझसे वादा किया था और आपको जाना ही होगा… और आखिरकार वह सहमत हो गए।”
उन्होंने कहा कि जब सिब्बल मौके पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने ‘उनकी तरफ ऐसे देखा जैसे वे कोई अजनबी हों’। खुर्शीद ने कहा, “कोई भी व्यक्ति मंत्री के पास जाकर उनका अभिवादन करने के लिए आगे नहीं बढ़ा।”
खुर्शीद ने कहा कि सिब्बल ने सुझाव दिया कि उन्हें कॉलोनी में घूमना चाहिए।
उन्होंने कहा, “एक भी पुलिसवाला यह कहने नहीं आया कि आप मंत्री हैं। अगर आप खुद आकर इमारत देखना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। कृपया, हम आपको ले जाएंगे।”
खुर्शीद ने कहा, “और आप जानते हैं कि कपिल सिब्बल ने क्या कहा? उन्होंने कहा कि मेरा दिमाग फट रहा है। और निश्चित रूप से हमने जाकर यह देखने की कोशिश की कि क्या किया जा सकता है, क्या कोई जांच हो सकती है।”
भाषा जितेंद्र रंजन
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