नई दिल्ली/कानपुर: कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के तुरंत बाद परेड, नयी सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई. इस दौरान भारी पथराव भी हुआ और पुलिस को इस हिंसा को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग भी करना पड़ा. फिलहाल इस मामले में यूपी पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही यूपी पुलिस ने दंगाइयों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कही है साथ ही उनकी संपत्ति को जब्त या फिर ध्वस्त करने की बात कह रही है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और उन्होंने एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया.
कानपुर हिंसा पर यूपी पुलिस एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, ‘दंगाइयों पर काबू पा लिया गया है घटना में शामिल 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.’
एडीजी प्रशांत ने दंगा भड़कने की जानकारी देते हुए बताया, ‘नमाज के दौरान कुछ लोगों ने दुकानें बंद करने का प्रयास किया. इसका दूसरे गुट ने विरोध किया. उनके बीच संघर्ष छिड़ गया. पुलिस तुरंत वहां पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया. वरिष्ठ अधिकारी तुरंत वहां पहुंचे और बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया.’
प्रशांत कुमार ने कहा, ‘सरकार ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है. दंगा वाली जगहों पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया. गुंडों की पहचान की जा रही है, अब तक 18 गिरफ्तार हमारे पास वीडियो फुटेज है, हम कार्रवाई करेंगे. साजिशकर्ताओं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को या तो जब्त कर लिया जाएगा या ध्वस्त कर दिया जाएगा.
Some people tried to shut down shops. It was opposed by the other group. Clash broke out b/w them. Police reached there immediately & tried to control situation. Senior officers reached there right after&controlled the situation using force: ADG (Law&Order), UP on Kanpur violence pic.twitter.com/BGF2KjoViu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2022
बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कानपुर में ही थे. ये सभी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव परौंख में उस समय मौजूद थे. जो इस दंगे वाले क्षेत्र से महज 80-85 किलोमीटर दूर है.
नुपुर शर्मा के बयान से नाराज है अल्पसंख्यक समुदाय
उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे और इसी के विरोध में वो इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे.
पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों पर अपने शटर बंद करने के लिए दबाव बना रहे लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. उन्होंने बताया कि बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
अधिकारी ने कहा बताया कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को दुकानों को बंद करने का आह्वान किया था.
उन्होंने बताया कि इन नेताओं ने पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ जुलूस निकाला था और इस दौरान वे अन्य समुदाय के सदस्यों से भिड़ गए. उन्होंने बताया कि इस दौरान हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं जिनमें आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं.
कानपुर की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया, ‘एक समुदाय विशेष के सदस्य विरोध में सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हो गए. कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया. प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
उन्होंने बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और आगे हिंसा न हो यह सुनिश्चित करने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, हिंसा के सही कारणों की पुष्टि नहीं हुई है.
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