कानपुर: कानपुर के नरवल में लापता होने के एक दिन बाद मंगलवार को अपने घर से महज 300 मीटर की दूरी पर पाए गए एक बच्चे के शव की हालत ने आसपास के लोगों को दहलाकर रख दिया है. क्षत-विक्षत शव को देखकर नृशंस तरीके से हत्या से पहले यौन उत्पीड़न किए जाने का संदेह है.
लड़के के परिवार के मुताबिक, उसकी एक आंख में कील घुसा दी गई थी, उसके दाहिने गाल पर सिगरेट से जलाने के निशान थे, उसके नितंबों और गर्दन पर चोट के निशान थे, जिससे लग रहा था कि उसका गला घोंटा गया है. उनका आरोप है कि जब उन्हें शव मिला तो इस पर कोई कपड़ा नहीं था, और उसके शरीर पर जमीन में घसीटे जाने के भी निशान मिले थे. इससे ऐसा संदेह होता है कि उसे मारने के बाद घसीटकर खेत में ले जाया गया था.
लड़के के गांव के लोगों को यह संदेह भी है कि यह सब किसी तांत्रिक अनुष्ठान का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि जहां शव मिला, वहां से कुछ ही मीटर की दूरी पर विभिन्न आकृतियों के उपले और फूल आदि पाए गए हैं. उनके मुताबिक साल 2020 में भी इसी तरह की परिस्थितियों में पास के इलाके में सात साल की एक बच्ची की हत्या कर दी गई थी.
स्थानीय पुलिस ने इस मामले में कम से कम चार लोगों को हिरासत में लिया है. सीओ हृषिकेश यादव ने दिप्रिंट को बताया कि मंगलवार को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन इसमें और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं.
हालांकि, पुलिस यह पता लगाने के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है कि क्या कक्षा पांच के इस छात्र का यौन शोषण भी किया गया था, क्योंकि उसके नितंबों पर चोट के निशान पाए गए थे और घटनास्थल के पास नुकीली छड़ी मिली थी, जिस पर मल के निशान थे. पुलिस ने कहा कि अगर इन आरोपों की पुष्टि हो जाती है, तो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 की धाराओं को प्राथमिकी में जोड़ा जाएगा.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आदित्य कुमार शुक्ला ने कहा कि अटॉप्सी रिपोर्ट के नतीजे बताते हैं कि मौत का कारण किसी भारी वस्तु से सिर में लगी गंभीर चोट है.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि यौन शोषण का संदेह है और घटनास्थल से एक छड़ी भी बरामद हुई थी, इसलिए कपड़ों और स्वैब के नमूने लिए गए हैं और इन्हें डीएनए जांच के लिए लखनऊ स्थित फॉरेंसिक लैब भेजा गया है. एक बार रिपोर्ट मिल जाए तो फिर मामले में प्रासंगिक धाराएं जोड़ी जा सकती हैं.’
पुलिस सूत्रों ने कहा कि वे निजी दुश्मनी को भी एक संभावित कारण के तौर पर मानकर मामले की जांच कर रहे हैं, और पीड़ित की बड़ी बहन के ससुराल वालों से पूछताछ कर रहे हैं, जिसके पति की कथित तौर पर 2020 में घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. तब एक कथित सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इसमें आत्महत्या के लिए लड़की के परिवार को जिम्मेदार ठहराने की बात लिखी थी लेकिन बाद में पुलिस ने पाया कि लिखावट मृतक की नहीं थी.
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कानपुर के महानिरीक्षक प्रशांत कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि हर एंगल से जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘यह हत्या का मामला है. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हम आगे की जांच के लिए लगातार पूछताछ कर रहे हैं. यह घटना गांव के एकदम पास हुई है और इस इलाके में केवल एक ही सड़क है. हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही यह पता लगा लेंगे कि इस नृशंस घटना के पीछे किसका हाथ है.’
इस बारे में पूछे जाने पर क्या पीड़ित किसी तांत्रिक अनुष्ठान का शिकार बना हो सकता है, आईजी ने कहा कि वह तुरंत इसकी पुष्टि नहीं कर सकते क्योंकि अभी मामले में जांच चल रही है. उन्होंने कहा, ‘हम पूरी मुस्तैदी बरत रहे हैं. तकनीकी साक्ष्य, डीएनए, फिंगरप्रिंट लिए गए हैं.’
परिजनों ने बुधवार शाम लड़के का अंतिम संस्कार किया.
कैसे मिली बच्चे की लाश
पुलिस के मुताबिक लड़के की हत्या 7-8 फरवरी की मध्यरात्रि को हुई थी.
यह नौ वर्षीय बच्चा नरवल इलाके स्थित एक गांव के कच्चे मकान में अपने माता-पिता, भाई-बहनों और दादी के साथ रहता था. उनका परिवार करीब 45 साल पहले कानपुर आया था और खेतों में मजदूरी करता था.
उसके पिता ने दिप्रिंट को बताया कि 7 फरवरी की सुबह लड़के ने स्कूल जाने से मना कर दिया था.
उन्होंने बताया, ‘करीब 11 बजे शिक्षक ने उसे स्कूल आने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया और कहा कि उसे अभी खेलना है. दोपहर करीब एक बजे, उसकी मां और बहनों को लगा कि उसे ट्यूशन क्लास के लिए देरी हो रही है और उन्होंने उसे तलाशना शुरू किया. लेकिन वह कहीं नहीं मिला.’
बच्चे के न मिलने पर बदहवाश हुए परिजन तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी पहुंचे. लड़के के भाई के मुताबिक, पुलिस ने उन्हें लिखित शिकायत देने को कहा. जब उन्होंने पूछा कि क्या वे गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं तो चौकी में मौजूद के पुलिसकर्मियों ने उन्हें 12 किलोमीटर दूर स्थित निकटतम पुलिस स्टेशन जाने को कहा.
लड़के के भाई, जिसकी उम्र 20 साल के आसपास है, ने कहा, ‘पुलिस ने तब हमसे कहा कि चूंकि अंधेरा हो गया था, इसलिए हमें इलाके में उसे ढूंढ़ना जारी रखना चाहिए. और अगर वह नहीं मिलता है तो फिर उन्हें सूचित करें. पुलिस ने शुरू में कोई कार्रवाई नहीं की और केवल परिवार ही उसकी तलाश करता रहा.’
लड़के के परिवार वाले मंगलवार को जब उसकी तस्वीरें पुलिस थाने में जमा करने जा रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि उसका शव एक पूर्व ग्राम प्रधान के खेत में मिला है.
लड़के की बड़ी बहनों में से एक ने दिप्रिंट को बताया कि यूकेलिप्टस के बगीचे के बगल में स्थित खेत में काम कर रही एक महिला और उसके बेटे ने शव को सबसे पहले देखा था.
उसने कहा, ‘युवक सरसों की फसल की कटाई में व्यस्त था, जब उसने मेरे भाई का शव पड़ा देखा. इसे देखते ही वह घबराकर भागने लगा और पीछे-पीछे उसकी मां भी भागी. कुछ देर तक वह किसी से बात नहीं कर सका. फिर उसकी मां ने शव देखा और एक ग्रामीण को इसकी जानकारी दी जिसने पुलिस को सूचित किया.’
उसके बाद शव को कानपुर के हैलेट अस्पताल ले जाया गया, जहां दो डॉक्टरों ने उसकी जांच की.
परिवार के आरोपों के संबंध में एएसपी शुक्ला ने माना कि स्थानीय पुलिस चौकी की तरफ से कार्यवाही में देरी की गई थी और थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
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‘अपराध में शामिल व्यक्ति पीड़ित का परिचित हो सकता है’
पीड़ित के भाई ने बताया कि अपने परिवार में एक वही था जिसे शव देखने की इजाजत दी गई थी. जब अस्पताल ले जाते समय उसे शव देखने को मिला, तो वह अपने भाई के साथ की गई बर्बरता को देखकर हतप्रभ रह गया था.
उसने बताया, ‘मुझे पहले तो केवल खून नजर आया था. उसकी बायीं आंख बाहर निकली हुई थी और उसमें चार इंच लंबी कील ठोंकी गई थी. सिगरेट से उसका एक गाल जलाया गया था. उसके नितंबों में चोट और खरोंच के निशान थे और उसकी गर्दन पर भी दबाए जाने के निशान थे. उसके सिर पर बहुत बड़ा घाव था.’
उसने दिप्रिंट से कहा, ‘डॉक्टरों तक ने मुझसे कहा कि जब उन्होंने शव को देखा तो इसकी हालत देखकर स्तब्ध रह गए थे और अटॉप्सी जांच को रोक दिया. हमें बताया गया था कि देर से आने के कारण पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका है और अब बुधवार तड़के किया जाएगा. अगले दिन दो डॉक्टरों की टीम ने शव की अटॉप्सी की, जिसकी वीडियोग्राफी की गई.’
पीड़ित के परिवार ने दिप्रिंट को बताया कि हत्या के पीछे किसी ऐसे व्यक्ति का हाथ हो सकता है, जिसे वह जानता था.
लड़के के भाई ने कहा, ‘मेरे भाई का शव हमारे घर से सिर्फ 300 मीटर दूर एक खेत में मिला था. वह खुद वहां नहीं जा सकता था. मुझे पक्के तौर पर लगता है कि उसे बहला-फुसलाकर वहां ले जाया गया.’
घटनास्थल पर कैसा था नजारा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिस खेत में शव मिला, उसके नजदीक यूकेलिप्टस के बगीचे में शराब की एक बोतल, स्नैक्स का पैकेट, डिस्पोजेबल गिलास और एक जली हुई सिगरेट बरामद मिली है, जबकि पीड़ित के खून से सने कपड़े और चप्पलें कुछ मीटर दूर मिले हैं.
यूकेलिप्टस के बगीच में मानव मल लगी छड़ी के अलावा विभिन्न आकृतियों वाले गोबर के उपले, खून के छींटे और सूखे गुलाब के फूल भी पाए गए हैं.
पीड़ित के भाई ने कहा, ‘उस छड़ी पर मल लगा था और लगता है कि उसे उसके शरीर में घुसाया गया था, हम उस यातना की कल्पना करके भी सिहर उठते हैं जो उसने झेली होगी.
ग्रामीणों को ‘तांत्रिक अनुष्ठान’ का संदेह
दिप्रिंट ने जिन ग्रामीणों से बात की, उन्हें आशंका है कि किसी ‘तांत्रिक अनुष्ठान’ के तहत बच्चे के साथ यह सब किया गया है.
गांव की एक महिला ने कहा, ‘यह तो साफ पता चल रहा है कि किसी कील से आंख फोड़ी गई है, वहां उपले और फूल आदि मिलने से लगता है कि इस घटना में कोई तांत्रिक शामिल हो सकता है.’
उन्होंने कहा कि इस संदेह की वजह यह है कि 2020 में पड़ोस के इलाके में सात साल की एक बच्ची की भी इसी तरह हत्या की गई थी.
ग्रामीणों ने बताया कि उस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें एक नि:संतान दंपति भी शामिल था जिनके बारे में कहा गया कि नवंबर 2020 में दिवाली पर एक ‘तांत्रिक अनुष्ठान’ के क्रम में उन्होंने अपने पड़ोसी की बेटी की हत्या करके उसका ‘लिवर और फेफड़ा’ खाया था.
उन्होंने कहा कि दंपति अक्सर तांत्रिकों और ज्योतिषियों से संपर्क करता रहता था और संतान की चाह में उसने इस तरह के अपराध का रास्ता अपनाया. कथित तौर पर सभी चार आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया था.
इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह दावा भी किया कि लड़के की हत्या के सिलसिले में हिरासत में लिया गया एक युवक मानसिक तौर पर विक्षिप्त है.
एक ग्रामीण ने कहा, ‘वह एक शराबी और मानसिक विक्षिप्त है. कुछ साल पहले तक वह ठीक था. उसके परिवार ने हाल में खेत में पीपल का एक पेड़ कटा पाया था.’
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