नई दिल्ली: लंबे समय से न्यूयॉर्क पोस्ट के साथ काम कर रहीं रिपोर्टर, लौरा इटैलियानो ने बुद्धवार को अपनी नौकरी छोड़ दी. इससे पहले उन्हें अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर, कथित रूप से एक झूठी ख़बर लिखने के लिए मजबूर किया गया था.
अख़बार ने, जो रूपर्ट मरडॉक के स्वामित्व वाला एक टेब्लॉयड है, रविवार को अपने मुख पृष्ठ पर एक स्टोरी छापी, जिसे इटैलियानो के मुताबिक़ उन्हें लिखने का ‘आदेश’ दिया गया, कि किस तरह बिना दस्तावेज़ के नाबालिग़ों को, अमेरिका में घुसने दिया जा रहा है, और उनका स्वागत हारिस की लिखी किताब, ‘सुपर हीरोज़ आर एवरीव्हेयर’ के साथ किया जा रहा है.
रिपोर्टर ने, जो 1990 के दशक से एनवाई पोस्ट के साथ जुड़ी हैं, ट्विटर पर अपनी नौकरी छोड़ने का ऐलान किया. इटालियानो ने कहा ‘कमला हैरिस स्टोरी ने – एक झूठी ख़बर जिसे लिखने का मुझे हुक्म दिया गया था, और जिसका मैं अपनी पूरी ताक़त से विरोध नहीं कर पाई- मेरे सब्र का बांध तोड़ दिया’.
The Kamala Harris story — an incorrect story I was ordered to write and which I failed to push back hard enough against — was my breaking point.
— Laura Italiano (@Italiano_Laura) April 27, 2021
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा सौभाग्य रहा है कि मैंने न्यूयॉर्क शहर को, इसके सबसे ज़िंदादिल और विनोदपूर्ण टेब्लॉयड के लिए कवर किया- ये अख़बार ऐसे रिपोर्टर्स और एडिटर्स से भरा हुआ है, जिन्हें मैं दिल की गहराई से पसंद करती हूं, और अपने दोस्त मानती हूं. छोड़ने का मुझे अफसोस है’.
मूल लेख को उसके बाद हटा लिया गया है, और टेब्लॉयड की वेबसाइट पर, इसके सही किए गए संस्करण पोस्ट कर दिए गए हैं.
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क्या है स्टोरी
मूल लेख में, जिसका शीर्षक है ‘कैम ऑन इन’, इटैलियानो ने लिखा था कि ‘बिना किसी साथी के प्रवासी बच्चों को, जिन्हें अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर से, लॉन्ग बीच पर एक नए शेल्टर में लाया जा रहा है,’ वेल्कम किट्स में ‘सुपर हीरोज़ आर एवरीव्हेयर’ किताब दी जा रही है.
इसके बाद अख़बार में इसी बारे में, एक दूसरे रिपोर्टर की ख़बर में दावा किया गया, कि बिना दस्तावेज़ वाले ऐसे नाबालिग़ों को, किताब की हज़ारों कॉपियां बांटी जा रहीं थीं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी के पास, इस मामले में ‘कोई जवाब नहीं था’.
लेकिन, वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा तथ्यों की जांच करने पर पता चला, कि पूरी ख़बर ही झूठी थी.
कैलिफोर्निया के अधिकारियों का कहना है, कि इटैलियानो ने अपनी ख़बर का आधार, रॉयटर्स के एक फोटोग्राफ को बनाया था, जिसमें एक प्रवासी बच्चे को हाथ में किताब लिए दिखाया गया था. लेकिन, वो किताब वेल्कम किट का हिस्सा नहीं थी, बल्कि वो शायद लॉन्ग बीच के निवासियों की ओर से दिए गए, डोनेशन्स का हिस्सा रही होगी.
शहर की एक प्रवक्ता ने वॉशिंगटन पोस्ट को स्पष्ट किया, कि दान में दी गई चीज़ें ख़रीदने के लिए, किसी सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं किया गया.
तथ्यों की जांच के फौरन बाद, इन ख़बरों को एनवाई पोस्ट वेबसाइट से हटा दिया गया, और कुछ समय के बाद उनके संपादित संस्करण पोस्ट कर दिए गए. डिजिटल स्टोरी की मूल हेडलाइन थी, ‘कमला हैरिस दक्षिणी बॉर्डर पर नहीं हैं- लेकिन प्रवासी बच्चों को मिल रही हैं वीपी की किताबें’, लेकिन बाद में उसे फिर इस तरह लिखा गया, ‘कमला हैरिस दक्षिणी बॉर्डर पर नहीं हैं- लेकिन कम से कम एक प्रवासी बच्चे को मिली वीपी की किताब’.
अपनी संपादकीय टिप्पणी में अख़बार ने कहा: ‘संपादक का नोट: इस लेख के मूल संस्करण में कहा गया था, कि प्रवासी बच्चों को एक वेल्कम किट में, हैरिस की किताब दी जा रही है, लेकिन अब इसे अपडेट किया गया है, कि किताब की केवल एक कॉपी, एक बच्चे को दी गई थी’.
लेकिन, संपादित किए जाने से पहले ही ख़बर वायरल हो गई, और कई रिपब्लिकन राजनेताओं ने इसका हवाला देते हुए, इस प्रोजेक्ट पर करदाताओं का पैसा ख़र्च करने के लिए हैरिस की आलोचना की.
मार्च के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, कि उन्होंने उप-राष्ट्रपति हैरिस से कहा था, कि वो अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर प्रवास को कम करने के लिए, उनकी सरकार के प्रयासों की अगुवाई करें.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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