चेन्नई, 22 सितंबर (भाषा) मक्कल निधि मैय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने कहा है कि अगर किसी नेता की जनसभा में भारी भीड़ उमड़ती है तो इसका यह मतलब नहीं कि पूरी भीड़ वोट में बदल जाएगी और यह नियम उन पर और विजय दोनों पर लागू होता है।
अभिनेता से नेता बने विजय नवोदित तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के प्रमुख हैं।
टीवीके प्रमुख विजय की रैलियों में भारी भीड़ के उमड़ने और ‘‘पूरी भीड़’’ के वोट में नहीं बदलने के बारे में हो रही आलोचना को लेकर पूछे जाने पर हासन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह निश्चित है, (सभी पर नहीं) यह वोट में नहीं बदलेगा, यह सभी नेताओं पर लागू होता है।’’
जब उनसे दोबारा पूछा गया कि क्या यह नियम टीवीके प्रमुख विजय पर लागू होता है तो उन्होंने कहा, ‘‘जब यह सभी नेताओं पर लागू होता है, तो हम विजय को कैसे बाहर कर सकते हैं? यह मुझ पर और भारत के सभी नेताओं पर लागू होता है, आपने भीड़ तो खींच लेते हैं, लेकिन वह (सारी) वोट में नहीं बदलेगी।’’
यह पूछे जाने पर कि राजनीति में प्रवेश कर चुके विजय को वह क्या सलाह देंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘सही रास्ते पर चलें, साहस के साथ आगे बढ़ें और लोगों का भला करें और यही मेरी सभी नेताओं से अपील है।’’
उन्होंने 21 सितंबर, 2025 को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनीति की बात तो छोड़िए आलोचना तो सिनेमा में भी होती है और कई लोग महत्वाकांक्षी अभिनेताओं की भी आलोचना करते हैं।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) एवं अन्य दलों ने आलोचना करते हुए कहा था कि विजय की रैलियों में उमड़ी भारी भीड़ वोट नहीं बदलेगी। इसके बाद विजय ने 20 सितंबर को तिरुवरूर में एक रैली को संबोधित करते हुए नाटकीय ढंग से कहा कि उन्हें (विरोधियों को) संदेह है और फिर उन्होंने लोगों से पूछा, ‘‘वे (प्रतिद्वंद्वी और आलोचक) कहते हैं कि यह एक खोखली भीड़ है जो (टीवीके को) वोट नहीं देगी, क्या यह एक खोखली भीड़ है?’’
जब वहां मौजूद भारी भीड़ ने ‘‘विजय… विजय…’’ के ऊंचे नारे लगाए तो इसे टीवीके को वोट देने की शपथ के रूप में देखा गया और टीवीके प्रमुख ने लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।
विजय ने कहा कि टीवीके का उद्देश्य एक ‘‘सच्चे लोकतंत्र की स्थापना करना है, जिसमें सच्चाई हो।’’
भाषा सुरभि रंजन
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