ठाणे, दो सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2006 में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
कल्याण अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस एम चांदगड़े ने 22 अगस्त को अपने आदेश में कहा कि मामले के दो प्रमुख गवाह आरोपियों का अपराध के साथ संबंध स्थापित करने में पुष्ट गवाही देने में विफल रहे।
आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
मामले के विवरण के अनुसार, 13 फरवरी, 2006 को शाहपुर तालुका में गणेश मराडे पर लाठियों और पत्थरों से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
अदालत ने इस मामले में संतोष सदाशिव कदम (46), सुनील पुंडलिक दुर्गुडे (45), गणेश पांडुरंग राउत (48), मंगेश पुंडलिक दुर्गुडे (46), विजय श्रीरंग बागुल (73), शाकिर मजीद शेख (50) और पिंट्या उर्फ प्रशांत दत्तात्रेय सारंगधर (52) को बरी कर दिया है।
एक अन्य आरोपी बालू शिपाई उर्फ़ खरदीकर की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई और उसके विरुद्ध मामला बंद कर दिया गया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष विभिन्न कारणों से अन्य गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं कर सका।
अदालत ने कहा कि जिन दो गवाहों ने गवाही दी, वे भी मददगार साबित नहीं हुए।
अदालत ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। इसलिए, वे बरी किये जाने के हकदार हैं।’’
भाषा राजकुमार गोला
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