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गुरूवार, 8 मई, 2025
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न्यायाधीशों की नियुक्ति न्यायाधीश करते हैं, यह धारणा गलत है: प्रधान न्यायाधीश

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नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने सोमवार को कहा कि भारत में न्यायाधीश ही न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं, यह अवधारणा गलत है और नियुक्ति लंबी परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से होती है जहां कई हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है।

उन्होंने कहा कि न्यायिक नियुक्तियों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले जनता के विश्वास को बनाये रखने के मकसद से होते हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि चयन की प्रक्रिया आज से ज्यादा लोकतांत्रिक नहीं हो सकती।

उन्होंने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘इस तरह की धारणा है कि भारत में न्यायाधीश ही न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं। यह गलत धारणा है और मैं इसे सही करना चाहता हूं। नियुक्ति एक लंबी परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कई हितधारकों से विचार-विमर्श होता है। विधायिका भी एक प्रमुख हितधारक है।’’

उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘जब कोई उच्च न्यायालय प्रस्ताव भेजता है तो संबंधित राज्य सरकार, राज्यपाल, भारत सरकार इसका अध्ययन करते हैं जिसके बाद इसे उच्चतम न्यायालय को भेजा जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के शीर्ष के तीन न्यायाधीश सभी हितधारकों के सुझावों के आधार पर प्रस्ताव पर विचार करते हैं।’’

भाषा वैभव देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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