नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को मुरादाबाद के जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे. आरोप है कि इस दौरान दर्जनों मीडियाकर्मियों को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बंद कर दिया गया. पत्रकार आवाज लगाते रहे, खूब हंगामा भी हुआ लेकिन डीएम राकेश कुमार सिंह ने योगी के जाने के बाद ही इमर्जेंसी वार्ड का गेट खोला. इस दौरान योगी आदित्यनाथ अस्पताल में लगभग 20 मिनट तक थे और उन्होंने इमर्जेंसी वार्ड के अलावा महिला अस्पताल का भी मुआयना किया.
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इमर्जेंसी वार्ड में किया बंद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज मुरादाबाद के दौरे पर थे. जिले के विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद वे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्हें पत्रकारों से मिलने रोका गया. जिलाधिकारी द्वारा उन्हें इमर्जेंसी वार्ड में बंद कराया गया.
मुरादाबाद के स्थानीय पत्रकार राजू ने दिप्रिंट से बातचीत में बताया, ‘यह दोपहर की घटना है. हम लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निरीक्षण कवर करने के लिए जिला अस्पताल गए थे. मुख्यमंत्री ने जनरल वार्ड का मुआयना किया. उस समय करीब 25 पत्रकार जनरल वार्ड पहुंच चुके थे लेकिन तभी हमें इमर्जेंसी वार्ड जाने को कहा गया और हम सब जब इमर्जेंसी वार्ड में घुसे तो बाहर से ताला लगा दिया गया. हमने ताला खोलने के लिए काफी आवाज लगाई लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई. योगी आदित्यनाथ के वहां से जाने के बाद दरवाजा खोला गया.’
इसके अलावा मुरादाबाद के स्थानीय फोटोग्राफर ने बताया कि हम पत्रकारों ने विरोध किया लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई. मुख्यमंत्री के जाने के बाद ही हमें बाहर निकाला गया. हमने मुख्यमंत्री से इस घटना के बाबत शिकायत करने की कोशिश की लेकिन हमें उनसे मिलने नहीं दिया गया.
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निरीक्षण शांतिपूर्वक हो इसलिए उठाया कदम
इस बारे में मुरादाबाद के डीएम राकेश सिंह ने बताया कि ये सही नहीं है. मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान बहुत सारे मीडियाकर्मी वार्ड के अंदर आ गए थे. चूंकि अस्पताल के अंदर एक साथ कई सारे लोगों के अचानक पहुंच जाने पर मरीजों को दिक्कत न हो इसलिए हमने पत्रकारों को बाहर ही रोक दिया था. ताकि अस्पताल का निरीक्षण शांतिपूर्वक किया जा सके.
मंत्री ने दिए हैं जांच के आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पत्राकरों ने जब योगी आदित्यनाथ से शिकायत करना चाहा तब उन्हें रोक दिया गया. जिसके बाद पत्रकारों ने राज्यमंत्री भूपेंद्र चौधरी और गुलाबो देवी से इसकी शिकायत की. दोनों ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.