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Sunday, 2 June, 2024
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जोगी की पार्टी ने 27 उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की, मधु किन्नर भी शामिल

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रायपुर, 27 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को 27 उम्मीदवारों की अपनी पांचवीं सूची जारी की।

पार्टी ने लैंगिक रूप से तृतीय वर्ग (थर्ड जेंडर) की पूर्व महापौर मधु किन्नर और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके गोरेलाल बर्मन को सूची में शामिल किया है।

पार्टी ने अब तक राज्य की कुल 90 सीट में से 60 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा।

27 सीट में से सात अनुसूचित जनजाति और दो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है।

पार्टी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस छोड़कर जेसीसी (जे) में शामिल हुए गोरेलाल बर्मन को पामगढ़ (एससी) सीट से मैदान में उतारा है। वहीं रायगढ़ की पूर्व महापौर मधु बाई किन्नर को रायगढ़ सीट से उतारा गया है।

इस चुनाव में जेसीसी (जे) पहला राजनीतिक दल है जिसने ‘थर्ड जेंडर’ के व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पामगढ़ के उम्मीदवार बर्मन ने 2018 के विधानसभा चुनाव में पामगढ़ से ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। पामगढ़ सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रत्याशी इंदु बंजारे ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने पामगढ़ से महिला शेषराज हरबंस को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से संतोष लहरे उम्मीदवार हैं।

सूची में अन्य उम्मीदवारों में जेम्स टोप्पो (सीतापुर), परिमल यादव (खरसिया), भगत हरबंस (रायपुर पश्चिम), तेजेश्वर कुर्रे (कुरुद) शामिल हैं।

बर्मन के साथ अब तक एक मौजूदा विधायक सहित कांग्रेस के चार नेता टिकट वितरण से नाराज होकर जेसीसी (जे) में शामिल हो चुके हैं।

जेसीसी (जे) ने पिछला चुनाव बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था। इस गठबंधन ने सात सीटें जीती थी। हाशिए पर धकेल दी गई यह पार्टी इस बार राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है।

साल 2000 से 2003 तक राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व करने वाले अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होने के बाद 2016 में जेसीसी (जे) का गठन किया और 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में लड़ा।

हालांकि, जेसीसी (जे) चुनाव परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकी, लेकिन पारंपरिक रूप से भाजपा और कांग्रेस के प्रभुत्व वाले राज्य की राजनीति में पैठ बनाने में सफल रही।

वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस लंबे अंतराल के बाद सत्ता में लौटी। पार्टी ने कुल 90 में से 68 सीट जीती, जबकि भाजपा 15 सीट पर दूसरे स्थान पर रही। जेसीसी (जे) को पांच और उसकी सहयोगी बसपा को दो सीट पर जीत हासिल हुई थी।

इस बार के चुनाव में पार्टी ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है। मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने जीजीपी के साथ गठबंधन किया है।

पिछले चुनाव में जेसीसी (जे) का वोट शेयर 7.6 प्रतिशत था और पांच सीट जीत थी। यह छत्तीसगढ़ में किसी क्षेत्रीय पार्टी का पहला बेहतर प्रदर्शन था।

विधायक रहे अजीत जोगी और देवव्रत सिंह की मृत्यु के बाद हुए उपचुनावों में जेसीसी (जे) दो विधानसभा क्षेत्रों मरवाही और खैरागढ़ में हार गई थी। वहीं पार्टी ने दो अन्य विधायकों धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा को निष्कासित कर दिया है। अब कोटा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी पार्टी की एकमात्र विधायक हैं।

भाषा संजीव संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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